नई दिल्ली — अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को आतंकवाद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की अदालत ने सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सिद्दीकी को इससे पहले 19 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 13 दिन की हिरासत में भेजा गया था। सोमवार को उनकी हिरासत अवधि समाप्त होने पर उन्हें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी प्रधान की अदालत में पेश किया गया।
ED ने अदालत में यह दलील दी कि तकनीकी रूप से अभी उनकी हिरासत का 12वां दिन चल रहा है, क्योंकि 13 दिन की अवधि सोमवार रात 1 बजे पूरी होगी। इसके बावजूद अदालत ने उन्हें 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
अदालत से मिली राहत: चश्मा और दवाइयों की अनुमति
सुनवाई के दौरान सिद्दीकी के वकील ने एक अर्जी दाखिल की, जिसमें कहा गया कि:
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उनके मुवक्किल को चश्मे की आवश्यकता है
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डॉक्टर द्वारा लिखी दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाएँ
अदालत ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया।
ED ने डॉक्टर का पर्चा अदालत को सौंपा, जिसके बाद जेल प्रशासन को निर्देश दिया गया कि सिद्दीकी को डॉक्टर द्वारा निर्धारित उपचार मिलता रहे।
ED के आरोप: गलत मान्यता, भारी कमाई और फंड का दुरुपयोग
ईडी की जांच में अब तक यह आरोप सामने आए हैं कि:
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अल फलाह यूनिवर्सिटी ने यूजीसी मान्यता का झूठा दावा किया
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छात्रों को NAAC मान्यता को लेकर गलत जानकारी दी गई
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2018 से 2025 के बीच संस्थान ने 415.10 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया
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वित्तीय अभिलेख परिसंपत्तियों और आय से मेल नहीं खाते
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छात्रों से ली गई फीस और जुटाए गए फंड का निजी व व्यक्तिगत उपयोग किया गया
एजेंसी का दावा है कि सिद्दीकी का अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट, प्रबंध न्यासी और संबंधित संस्थानों पर पूरा नियंत्रण था। ED की छापेमारी के दौरान NCR के 19 स्थानों से 48 लाख रुपये नकद भी बरामद हुए थे।
अगली सुनवाई 15 दिसंबर को
सिद्दीकी की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।