भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार, 8 दिसंबर को भारी दबाव देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 350 अंकों तक गिर गया, जबकि निफ्टी 26,100 के नीचे फिसल गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, चुनिंदा सेक्टर्स में मुनाफावसूली और वैश्विक संकेतों की कमजोरी ने बाजार का सेंटीमेंट बिगाड़ा।
सुबह 11 बजे के आसपास सेंसेक्स 346.50 अंक या 0.40% गिरकर 85,365.87 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं निफ्टी 123.85 अंक (0.47%) टूटकर 26,062.60 के स्तर पर आ गया। ब्रॉडर मार्केट में गिरावट और तेज रही, जहां बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.5% तक टूटे।
निफ्टी पर इंडिगो, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और इटरनल के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान में रहे और 7% तक गिर गए।
शेयर बाजार में गिरावट के 5 बड़े कारण
1) फेड मीटिंग से पहले निवेशकों का सतर्क रुख
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 9 दिसंबर से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक से पहले निवेशक सतर्क दिखाई दिए।
HDFC सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च हेड देवर्ष वकील के अनुसार,
निवेशक फेड की बैठक, ताज़ा महंगाई आंकड़ों और साल के अंत में होने वाले पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग को देखते हुए सावधानी की मुद्रा में हैं।
इस हफ्ते अन्य देशों—ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा और स्विट्जरलैंड—की भी बैठकें प्रस्तावित हैं, लेकिन नीतिगत बदलाव की उम्मीद सिर्फ फेड से ही है।
2) FII की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को लगातार सातवें दिन बिकवाली की और 438.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
दिसंबर में अब तक FIIs कुल 10,403 करोड़ रुपये की सेलिंग कर चुके हैं।
इस भारी बिकवाली ने बाजार के मूड पर सीधा दबाव डाला।
3) रुपये में कमजोरी
सोमवार को भारतीय रुपया 16 पैसे कमजोर होकर 90.11 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
रुपये पर दबाव बढ़ने के पीछे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, डॉलर की बढ़ती मांग और FII की आउटफ्लो प्रमुख कारण रहे।
4) क्रूड ऑयल कीमतों में बढ़ोतरी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड सोमवार को 0.13% बढ़कर 63.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
भारत जैसे बड़े तेल आयातक देश के लिए यह बढ़ोतरी महंगाई और इंपोर्ट बिल पर दबाव डालती है, जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता है।
5) इंडिया VIX में उछाल
वोलैटिलिटी इंडेक्स, इंडिया VIX, सोमवार को 2.11% बढ़कर 10.53 पर पहुंच गया।
VIX में बढ़त बाजार में अनिश्चितता का संकेत है, जिसके चलते ट्रेडर्स जोखिम कम करना शुरू कर देते हैं।
टेक्निकल चार्ट्स क्या संकेत दे रहे हैं?
देवर्ष वकील के अनुसार,
निफ्टी ने पिछले सत्र में 26,100 के आसपास का रेजिस्टेंस पार किया था और अब इसके लिए अगला रेजिस्टेंस 26,300 और 26,500 पर नजर आ रहा है।
वहीं, नीचे की ओर 25,950–26,000 का लेवल एक अहम सपोर्ट जोन है।