भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार, 10 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 300 अंकों से अधिक टूटकर 84,355 पर आ गया, जबकि निफ्टी 25,750 के नीचे फिसल गया। निवेशकों ने अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के फैसले से पहले सतर्क रुख अपनाया, जिससे बाजार का मूड कमजोर रहा।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.90%, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.42% की गिरावट दर्ज हुई।
निफ्टी पर IndiGo, Eternal, और HDFC Bank के शेयरों में 3% तक की कमजोरी रही।
बाजार गिरने के पीछे ये 4 बड़ी वजहें
1. फेडरल रिजर्व के फैसले से पहले अनिश्चितता
सभी की नजरें आज देर शाम आने वाले फेडरल रिजर्व बैंक के फैसले पर टिकी हैं।
बाजार को उम्मीद है कि 0.25% ब्याज दर कटौती की घोषणा हो सकती है, लेकिन निवेशक इससे ज्यादा चिंतित हैं:
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2026 में फेड की नीति कैसी होगी?
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चेयरमैन जेरोम पॉवेल की मई में खत्म होने वाली अवधि के बाद नया चेयर कौन होगा?
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्याज दर में कटौती लगभग तय है, लेकिन फेड की गाइडेंस, महंगाई अनुमान, और चेयरमैन परिवर्तन जैसे कारक प्रेस कॉन्फ्रेंस को और अहम बना देते हैं।
2. कमजोर ग्लोबल संकेत
एशियाई बाजारों में भी कमजोरी का माहौल रहा।
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शंघाई SSE,
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हांगकांग हैंग सेंग,
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जापान निक्केई 225
तीनों इंडेक्स लाल निशान में रहे।
अमेरिकी बाजार भी पिछली रात कमजोर बंद हुए, जिससे घरेलू सेंटीमेंट पर दबाव बढ़ा।
3. विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली
FIIs की बिकवाली ने बाजार की गिरावट को और गहरा किया।
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मंगलवार को FIIs ने ₹3,760 करोड़ की भारी बिकवाली की।
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यह लगातार 9वां दिन था जब विदेशी निवेशकों ने पैसा निकाला।
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दिसंबर में अब तक FIIs कुल ₹14,819 करोड़ के शेयर बेच चुके हैं।
यह ट्रेंड बाजार के लिए बड़े चिंता का विषय है।
4. क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.15% बढ़कर $62.03 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
महंगे तेल से:
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भारत की महंगाई बढ़ने का जोखिम
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कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव
बढ़ जाता है, जो शेयर बाजार के लिए नकारात्मक संकेत है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का विश्लेषण
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स का कहना है:
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निफ्टी में कमजोरी बनी रह सकती है और यह 25,732 के लो को दोबारा टेस्ट कर सकता है।
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हालांकि, गहरी गिरावट की संभावना कम है क्योंकि बीच-बीच में रिबाउंड दिख सकता है।
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यदि निफ्टी 25,923 के ऊपर निकलता है, तो शॉर्ट कवरिंग से बाजार में कुछ मजबूती आ सकती है।
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तेजी तभी लौटेगी जब निफ्टी 26,030 के ऊपर स्थिर हो जाए।