बिहार के सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान खानापूर्ति करने वाले पदाधिकारी और कर्मियों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई करने में जुट गया है. इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने सभी जिले के डीएम को पत्र लिखा है. एसीएस (ACS) ने अपने पत्र में इस बात को लिखा है कि स्कूल में निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी की जिम्मेदारी है कि वो उस विद्यालय की कमियों को दूर कराएं और अगर ऐसे में कोई पदाधिकारी लापरवाही बरतते हैं तो उन पर एक्शन होगा.

डीएम अपने स्तर से स्कूल के निरीक्षण रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS ) डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने पत्र लिखकर सभी जिलाधिकारी को कहा है कि अभी करीब 8000 पदाधिकारी और कर्मी हर जिले के सभी स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. ऐसे में डीएम (DM) अपने स्तर से स्कूल के निरीक्षण रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे. जांच के दौरान कुछ कमियां जिसे दूर करने के लिए डीएम अपने स्तर से समुचित निर्णय लेकर उसका समाधान करेंगे और वैसे मामले जिसमें राज्य मुख्यालय से कार्रवाई अपेक्षित हो, उसके समाधान के लिए राज्य मुख्यालय को प्रस्ताव भेजेंगे.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS ) के अनुसार, हर अधिकारी हफ्ते में कम से कम 3 दिन स्कूलों के निरीक्षण काम को करने में लगे हैं. जो 8 आठ हजार अधिकारी और कर्मचारी की तरफ से स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं, उन्हें हर जिले के उपविकास आयुक्त की तरफ से तीन महीन के लिए 10 से 15 स्कूल निरीक्षण के लिए दिए गए हैं.