मुंबई। भले ही शिवसेना से बगावत कर एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली है और भाजपा ने उनके खेमे की संख्या कम होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। मगर शिवसेना नेता के एक ट्वीट से सियासी हड़कंप मचा है. दरअसल सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में उद्धव का शिंदे के साथ समझौता हो सकता है. क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे के पास शिवसेना के नाम और चुनावी चिन्ह के अलावा सांसद और बचे हुए विधायक हैं। इसके अलावा मुंबई महानगरपालिका और अन्य निगम भी उनके पास हैं। पार्टी के मामले में राष्ट्रीय कार्यकारिणी, पदाधिकारी, संबंधित युवा और महिला विंग, सेना भवन समेत सेना के दफ्तरों और फंड के फिलहाल ठाकरे ही अधिकारी हैं। सीएम शिंदे के पास भले ही 55 में से 40 विधायकों का समर्थन हो, लेकिन यह पार्टी का नाम और चिन्ह हासिल करने के लिए काफी नहीं है। इस मामले में भारतीय निर्वाचन आयोग ही फैसला लेगा। खास बात ये है कि इससे पहले शिंदे ने अपने गुट का नाम शिवसेना बालासाहब ठाकरे रखने का प्रस्ताव रखा था, जिसका उद्धव पक्ष ने काफी विरोध किया था। वहीं सांसदों की बात करें तो ठाकरे सांसदों को जोड़े रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि 18 में से 11 सांसद पक्ष बदल सकते हैं। हिंदुत्व विचारधारा से समझौता, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सीट का बंटवारा समेत कई कारण इसमें शामिल हो सकते हैं। इस बीच शिवसेना नेता दीपाली सैयद के एक ट्वीट के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि राज्य में आने वाले दिनों में नए और बड़े राजनीतिक घटनाक्रम होंगे। जी हाँ, क्या वाकई उद्धव ठाकरे फिर जाएंगे बीजेपी के साथ? इन दिनों यह सवाल हर कोई पूछ रहा है। दरअसल दीपाली सैयद ने अपने ट्वीट में कहा, 'यह सुनकर बहुत अच्छा लगा है कि अगले दो दिनों में आदरणीय उद्धव साहब और आदरणीय शिंदे साहब शिवसैनिकों की भावनाओं पर चर्चा करने के लिए पहली बार मिलेंगे। साफ है कि शिंदे साहब शिवसैनिकों की तड़प को समझते थे और उद्धव साहब ने परिवार के मुखिया की भूमिका बड़े दिल से निभाई थी। इसमें मध्यस्थता में मदद करने के लिए भाजपा नेताओं को धन्यवाद।' बता दें कि दीपाली सैयद ने उल्लेख किया है कि भाजपा ने भी दोनों के बीच बैठक की व्यवस्था करने में मदद की है। अब दीपाली सैयद के इस ट्वीट के बाद कई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। क्या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ जाने को तैयार होंगे? क्या उद्धव का सीएम शिंदे के समझौता साथ हो सकता है ? ज्ञात हो कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले कई बार बागी विधायकों से बात करने और उन्हें मनाने की कोशिश की। हालांकि, बागी एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाने पर अड़े थे। उन्होंने कहा था कि शिवसेना का भाजपा के साथ स्वाभाविक गठबंधन है। बहरहाल शिवसेना नेता के एक ट्वीट से सियासी हड़कंप मचा है और आने वाले समय पर सियासी संघर्ष किस मुकाम पर पहुंचता है वो देखना दिलचस्प होगा.