देश में लगातार हो रही बिजली की कमी को देखते हुए सरकार के स्वामित्व वाली कोल इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है। कोल इंडिया 7 साल बाद कोयला इम्पोर्ट करने जा रही है। 2015 के बाद यह पहली बार होगा, जब कोल इंडिया ने इम्पोर्ट करेगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि अप्रैल में हुई बिजली संकट की स्थिति से बचा जा सके। फिलहाल देश बीते 6 साल के सबसे खराब बिजली संकट से जूझ रहा है।

ऊर्जा मंत्रालय के 28 मई को लिखे लेटर के मुताबिक, कोल इंडिया गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट बेसिस पर कोयला इम्पोर्ट आयात करेगी। इस कोयले को राज्य के बिजली उत्पादकों और और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (IPP) के थर्मल पावर प्लांट्स को सप्लाई किया जाएगा। कोल इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कंपनियों में से एक है।ऊर्जा मंत्रालय का यह लेटर कोयला सचिव और कोल इंडिया के अध्यक्ष सहित सभी शीर्ष केंद्रीय और राज्य ऊर्जा अधिकारियों को भेजा गया है। 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान देश में कोयले की कमी होने की आशंका है। इस दौरान बिजली की मांग भी बढ़ेगी। मंत्रालय ने कहा कि कम से कम संभव दरों पर कोयले की खरीद के लिए अंडर प्रोसेस टेंडर को प्रतीक्षा सूची में रखा जा सकता है। कोयले के इम्पोर्ट के लिए राज्य और स्वतंत्र बिजली उत्पादक ​​​​​​(IPP) प्रक्रिया के तहत G2G तरीके से खरीद को अंजाम देंगे।