लखनऊ । ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार कल मनाया जायेगा। इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश में पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था के चाक-चैबंद इंतजाम किए हैं। इस दिन खुले स्थान पर कुर्बानी न किए जाने तथा प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न दिए जाने की स्पष्ट हिदायत दी गई है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि 10 जुलाई को मनाई जाने वाली ईद-उल-अजहा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए हैं।
बयान में कहा गया है कि प्रदेश के सभी जिलों में थाना स्तर पर शांति समिति की 3010 बैठकें, प्रदेश के इमामों और धर्मगुरुओं के साथ 3407 बैठकें की गई हैं। इसमें कहा गया है कि इन बैठकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए खुले में कुर्बानी नहीं देने और प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस के अनुसार, प्रदेश भर के 1500 थानों में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कुल 2167 स्थान चिह्नित किए गए हैं। सुरक्षा-व्यवस्था के लिए कुल 28260 मस्जिदों और ईदगाहों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जहां बकरीद की नमाज अदा की जाएगी। 10 जुलाई से पूरे राज्य में तीन दिन और मऊ जिले में चार दिन तक यह त्योहार मनाया जाएगा।
बयान के मुताबिक, बेहतर पुलिस प्रबंधन के लिए राज्य को 2422 सेक्टर में विभाजित किया गया है, जिसमें त्वरित कार्रवाई के लिए 1539 त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) तैनात किए गए हैं। प्रत्येक सेक्टर में पर्याप्त पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट और समकक्ष पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस उत्सव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) की 152 कंपनियों को राज्यभर में भेजा गया है। प्रदेश के 11 अति संवेदनशील जिलों में केंद्रीय पुलिस बल की 11 कंपनियां उपलब्ध कराई गई हैं।
बयान में आगे कहा गया है कि सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील स्थानों पर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं और पुलिस पिकेट स्थापित की गई हैं तथा संवेदनशील इलाकों और मार्गों पर यूपी-112 के वाहनों की व्यवस्था की गई है। बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय और जिला सोशल मीडिया सेल द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया मंचों जैसे ट्विटर, व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य पर कड़ी नजर रखी जा रही है ताकि सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाले किसी भी पोस्ट की जांच की जा सके।
जितेन्द्र