एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में पहला शक्ति परीक्षण जीत लिया है। महाराष्ट्र में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से बनी सरकार के नेतृत्व में स्पीकर का चुनाव हुआ। भाजपा के राहुल नार्वेकर विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए हैं। राहुल नार्वेकर को 164 से वोट, जबकि शिवसेना के राजन साल्वी को 107 वोट मिले। वोटिंग के दौरान NCP के 7 और कांग्रेस के 2 विधायक गायब रहे।विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष की मांग पर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने विधायकों की गिनती शुरू कराई। विधानसभा में अभी 287 विधायक हैं और जीत के लिए 144 का मैजिक फिगर चाहिए था। हालांकि, वोटिंग में सिर्फ 275 विधायकों ने भाग लिया। 12 विधायकों ने ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

राहुल नार्वेकर 2014 से पहले शिवसेना में थे, लेकिन लोकसभा का टिकट नहीं मिला, तो पार्टी छोड़ एनसीपी में शामिल हो गए। 2014 में मवाल लोकसभा सीट से मैदान में उतरे, लेकिन हार मिली। फिर नार्वेकर भाजपा में शामिल हो गए। 2016 में गवर्नर कोटे से नार्वेकर विधानपरिषद पहुंचे। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोलाबा विधानसभा सीट से जीत हासिल की। राहुल नार्वेकर को भाजपा गठबंधन के 106, शिवसेना के 39 और निर्दलीय 19 विधायकों का वोट मिला है।

विधानसभा के भीतर भाजपा के विधायकों ने जय भवानी, जय शिवाजी और जय श्री राम के नारे लगाए, जबकि विपक्षी विधायकों ने वोटिंग के समय ED-ED के नारे लगाए। स्पीकर चुनाव पर NCP के जयंत पाटील ने कहा कि अभी चुनाव कराया जा रहा है, लेकिन हम कब से मांग कर रहे थे। अब समझ आया कि क्यों नहीं इलेक्शन  कराया जा रहा था।

20 जून को एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के करीब 20 विधायक सूरत निकल गए, जिसके बाद इन विधायकों को गुवाहाटी ले जाया गया। विधायक गुवाहाटी में करीब 6 दिन रहे। इसके बाद शिंदे गुट ने 39 विधायक साथ होने का दावा कर दिया।वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की एंट्री भी हुई, जिसके बाद कोर्ट ने 11 जुलाई को सुनवाई करने की बात कही है। राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश के बाद उद्धव ठाकरे ने 29 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था