जयपुर । राहुल गांधी द्वारा की जा रही भारत जोड़ो यात्रा को दक्षिण भारत के राज्यों में मिल रही भीड़ के रूप में अपार सफलता को देखते हुए केन्द्र की सरकार और राज्यों में कांग्रेस से अलग सरकार चलाने वाले दलों के मुखियाओं में एक अजीब कसीस पैदा हो गई है मगर सबसे ज्यादा अग्निपरीक्षा से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुजरना होगा। ज्ञात रहे कि राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कुर्सी की रार थमने का नाम नहीं ले रही है अभी पिछले दिनों ही पायलट के एक बयान ने मुख्यमंत्री के समर्थक मंत्रियों तक को मुख्यमंत्री के पक्ष में बयान देने के लिए उद्वेलित तक कर दिया था जिसकी परिणति में जलदायमंत्री महेश जोशी, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास आपस में एक दूसरे पर टीका टिप्पणी करने लगे पर दूसरे दिन प्रताप सिंह ने महेश जोशी को अपना बड़ा भाई बताकर माफी मांग ली। 
राजनैतिक सूत्र बताते है कि माफी मांगने के कारण में सबसे बड़ा कारण तीन दिसंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के झालावाड़ में प्रवेश करेगी दूसरा, सरदार शहर में उपचुनाव और तीसरा बहुमत ना होते हुए भी जयपुर नगर निगम में कांग्रेस का महापौर बनवाना। तीनों मुद्दे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख से जुड़े है भारत जोड़ो यात्रा की दक्षिण भारत के राज्यों में सफलता को देखते हुए अगर राजस्थान में यात्रा भीड़ और केन्द्र सरकार के खिलाफ बयान दागने में मुख्यमंत्री के शब्दो में कमी रह जाती है तो फिर  गहलोत मंत्रिमंडल में पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट के द्वारा की जा रही राजस्थान के बारे में राजनीति को दम मिल जायेगी। हालांकि राहुल गांधी की यात्रा का प्रबंधन में लगी कांग्रेसी तमाम शक्तियों ने राजस्थान में यात्रा का स्वागत फीका ना पड़े के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और यात्रा की कमान संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गिविजय सिंह ने भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी परदे के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दी है। इसके लिए गहलोत ने अपने कैबिनेट के मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री प्रमोद जैन भाया, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के साथ आम जनता के बीच आयोजन कर मन टटोह लिया है इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने भीड़ के लिए विभिन्न कॉलेजों, युूनिवसिटिी, एनएसयूआई कें प्रतिनिधियों से राहुल गांधी की मुलाकात करवाने की जिम्मेदारी सौपी है।