जयपुर । पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा है कि यदि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिन्दुओं की भावनाओं की कद्र करते हुए धार्मिक भावनाओं से जुड़े पर्वतीय क्षेत्रों को खनन से मुक्त रखती और वन विभाग के अधीन कर उन्हें संरक्षित करती, तो भरतपुर के संत बाबा विजयदास को आत्मदाह करने जैसा कदम नहीं उठाना पड़ता। उन्होंने बाबा विजयदास के निधन को दुखद बताते हुए कहा है कि यदि सरकार अवैध खनन माफियाओं पर अंकुश नहीं लगा पाती है, तो उसे तुरंत प्रभाव से सत्ता छोड़ देनी चाहिए।
देवनानी ने जारी बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार की ढिलाई और ढुलमुल नीति के कारण अवैध खनन करने वालों के हौंसले बुलंद हो गए हैं। राज्य के अनेक क्षेत्रों में अवैध खनन करने, खनन माफियाओं द्वारा अधिकारियों व अन्य लोगों को धमकाने की खबरें आ रही हैं, लेकिन सरकार ने इस ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है। यदि सरकार सचेत रहते हुए पहले ही अवैध खननकर्ताओं पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाती, तो भरतपुर के संत बाबा विजयदास को आत्मदाह करने जैसा कदम नहीं उठाना पड़ता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अवैध खनन को रोकने में पूरी तरह विफल रही है, यह बात केवल विपक्ष ही नहीं कह रहा है, बल्कि खुद कांग्रेस के ही विधायक अपनी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। देवनानी ने कहा कि कांग्रेस के विधायक भरतसिंह ने खान मंत्री प्रमोद जैन भाया पर खनन माफियाओं को शह देने का आरोप लगाया है। यही नहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राज्यमंत्री जाहिदा के बेटे को अवैध खनन की खुली छूट देने के आरोप भी लगाए हैं। जब सत्तारूढ़ दल के विधायक ही इस तरह के गंभीर आरोप लगाते हैं, तो यह बात सहज समझ आ जाती है कि सरकार केवल खनन ही नहीं, सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है। देवनानी ने कहा कि सरकार को अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने चाहिए।