नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में कई मुद्दों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस बीच, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बढ़ते तापमान को लेकर सत्तापक्ष से सवाल किया। तिवारी ने लोकसभा में कहा कि रियो डी जेनेरियो में हुए वैश्विक सम्मेलन में यह आम सहमति बनी थी कि ग्लोबल वार्मिंग का स्तर 1.5 डिग्री तक कम किया जाएगा, जो कि औद्योगिक क्रांति के पहले दौर के बराबर होगा।

आंकड़ा कई सरकारों के लिए मुश्किल भरा

 
उन्होंने आगे कहा कि अब 1992 से लेकर 2024 तक यह आंकड़ा कई सरकारों के लिए मुश्किल भरा रहा है। मौजूदा आर्थिक सर्वे में एनर्जी ट्रांजिशन को लेकर दो चैप्टर हैं, जिसमें 1.5 डिग्री वाले इस आंकड़े पर सवाल उठाया गया है। क्या सरकार आर्थिक सर्वे में लिखी गई इस बात से सहमत है और अगर सहमत है, तो क्या वह वैश्विक समुदाय के बीच बनी सहमति के खिलाफ जाएगी। 

ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की दिशा में उचित कदम उठाएंगे


तिवारी के इस सवाल का जवाब मनोहर लाल खट्टर ने दिया उन्होंने कहा कि मैं तो एक महीने से ही मंत्री हूं, लेकिन मनीष तिवारी पहले भी मंत्री रह चुके हैं। कुल मिलाकर यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि यह एक वैश्विक चिंता का विषय पिछले कुछ सालों में उभरकर सामने आ रहा है। इससे पहले, 1992 और 1997 में भी इसे लेकर चिंता जताई गई थी। हमने इसे लेकर वैश्विक समुदाय के सामने कुछ कमिटमेंट किए हैं। जिसमें कार्बन उत्सर्जन को 33 से 35 फीसद करने का लक्ष्य था। इस लक्ष्य को हमने पूरा कर लिया है। अब हम उत्सर्जन कम करेंगे और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की दिशा में उचित कदम उठाएंगे।