जयपुर । आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस राजस्थान में अभी से बहुसंख्यक वोटो को साधने की जुगत में जुट गई है करौली जोधपुर, उदयपुर की घटनाओं  के बाद कांग्रेस ने अपना रूख बदलते हुए धार्मिक आयोजनो के जरिए सनातन धर्म अनुयायियों को साधने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस थिंक टैंक की सॉफ्ट हिन्दुत्व पर चलने की रणनीति कितनी कारगर होगी यह तो चुनावों में ही पता चलेगा मुद्दो को साम्प्रदायिक बताकर भाजपा को देश को बांटने वाी राजनीति का जिम्मेदार बताने वाली कांग्रेस अब तक धार्मिक तुष्टिकरण को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही है। इसके चलते कांग्रेस के थिंक टैंक ने धार्मिक आयोजनों के जरिए अपनी रणनीति बदलने का ईशारा किया है। देवस्थान विभाग मंत्री शंकुतला रावत ने मंदिरो में धार्मिक आयोजनो का दौर  शुरू कर दिखा दिया है वही पहले रामनवमी पर मंदिरो में सुदरकांड, भागवत कथा आयोजन किए वहीं अब सावन महीने में हर सोमवार प्रमुख शिव मंदिरो में सहस्त्रघट आयोजन कर सियासी संदेश दिया है। इन कार्यक्रमो में मुस्लिम महिला विधायकों से भी जलाभिषेक कराया गया है हाल ही में खाद्यमंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने विधानसभा क्षेत्र सिविल लाइंस में कावड यात्रा में शामिल होकर कांग्रेस की रणनीति को राजनीति रूप से समझाया विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, आरटीडीसी चेमयरैन धर्मेन्द्र भी मंदिरो में कई बार पहुंच रहे है कई और मंत्री विधायक भी अपने क्षेत्रों में धार्मिक आयोजनों में शामिल होने लगे है। वहीं आगामी चुनावों में जाने से पहले कांग्रेस अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही है करौली, जोधपुर, उदयपुर में हुई घटनाओं के बाद भाजपा लगातार तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है जनता के बीच भी ये मुद्दे चर्चाओं में रहे तो कांग्रेस थिंक टैंक भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मसले पर उठ रही अगुलियों पर विराम लगाने का प्रयास कर रहे है।