काबुल । भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने में अफगानिस्तान की मदद करने और उसकी क्षमता बढ़ाने का आह्वान कर कहा कि भारत हमेशा से ही काबुल का एक महत्वपूर्ण साझेदार रहा है और भविष्य में भी रहेगा। वहीं तालिबान को भारत की जरूरत महसूस हो रही है। इस कारण तालिबानी नेता अनस हक्कानी ने भारत की जमकर तारीफ की है। अनस ने कहा है कि भारत के लिए अफगानिस्तान के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। साथ ही हक्कानी ने क्रिकेट के द्वारा दोनों देशों के संबंधों को मजबूती पर भी जोर दिया है। अनस हक्कानी पूर्व अफगान अधिकारियों और राजनीतिक आंकड़े आयोग के साथ वापसी और संचार आयोग के मुखिया हैं। वहां सिराजुद्दीन हक्कानी के भाई भी हैं, जो अब अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (आईईए) के आंतरिक मंत्री हैं।
हक्कानी ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत का जो भी दांव है, उस अमीरात की स्थिर सरकार के तहत फिर से हासिल किया जा सकता है। अमीरात अपना समर्थन और आश्वासन देता है। इसके बावजूद अगर कोई समस्या है, तब हम वहां सुनिश्चित करने वाले हैं। अफगानिस्तान  में फिर से राजनयिक मिशन को खोलने और सामान्य द्विपक्षीय संबंध बहाल करने के सवाल पर अनस हक्कानी ने कहा कि जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया कि अफगान की एक नीति है जिसके तहत उसके पास है दुनिया के लिए एक खुला निमंत्रण है, जिसमें सभी देश शामिल हैं। दुनिया के सभी देश अमीरात के साथ अपने राजनयिक संबंध फिर से पहले की माफिक बहाल कर सकते हैं। भारत को भी हमारी तरफ से राजनयिक संबंध बहाल करने का निमंत्रण है और जैसा की पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान था उसी तरह वर्तमान की स्थिर सरकार के दौरान भी रिश्ते जारी रखे जा सकते हैं। अगर भारत कोई भी समस्या है, कोई मुद्दा है इसकी सारी आशंकाओं को सुना व दूर किया जाएगा। भारत अपनी एंबेसी को फिर से खोल सकता है और अफगानिस्तान के लोगों के साथ एक दोस्ताना माहौल में रिश्ते कायम कर सकता है। आइए और हमारे साथ पुराने दोस्तों की तरह रहें।  भारत अफगानिस्तान के रिश्तों में क्रिकेट की भूमिका के बारे में पूछे जाने के पर हक्कानी ने कहा कि यह सच है और एक सच्चाई है कि अफगानिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक स्थान है। अफगान टीम ने बहुत ही कम समय में यह उपलब्धि हासिल की है। क्रिकेट दोनों देशों को एक साथ ला सकता है।