अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगातार नीचे आ रही है। मंगलवार को कच्चे तेल का दाम वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में 7 डॉलर की गिरावट के साथ 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया। पिछले तीन महीने में यह पहला मौका है, जब कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर के नीचे आई है। दूसरी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने, COVID-19 के बढ़ते मामलों के चलते दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातक देश चीन में सख्त पाबंदियों और वैश्विक स्तर पर बढ़ती आर्थिक मंदी की आशंका से कच्चे तेल का बाजार सहमा हुआ है।एक महीने के मामूली उतार-चढ़ाव के बाद तेल की कीमतों में आई यह गिरावट बाजार में व्याप्त चिंताओं की और इशारा करती है। महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी से भी बाजार प्रभावित हुआ है। ऐसे उपायों से अर्थव्यवस्था को रफ्तार तो मिलेगी, लेकिन मंदी से तेल की मांग प्रभावित होगी।मंगलवार को ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 7.61 डॉलर या 7.1 फीसद नीचे आकर 99.49 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। 11 अप्रैल के बाद से यह सबसे निचला स्तर है।