जयपुर । मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने शासन सचिवालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के विशेष योग्यजन निदेशालय द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय न्यूमोकोनियोसिस (सिलिकोसिस) क्रियान्वयन समिति की चतुर्थ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में सिलिकोसिस की बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सभी माइंस एवं निर्माण साइट्स पर सिलिकोसिस से बचाव संबंधी उपाय अपनाए जाएं ताकि किसी को भी यह बीमारी ही ना हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में न्यूमोकोनियोसिस नीति, 2019 स्टेट फ्लैगशिप स्कीम के तहत न्यूमोकोनियोसिस (सिलिकोसिस) रोग की पहचान, उपचार, नियंत्रण, उन्मूलन और पुनर्वास का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज सिलिकोसिस पोर्टल पर सिलिकोसिस पीडि़तों के रजिस्ट्रेशन, प्रमाणन, सहायता राशि जैसी अन्य सुविधाएं ऑनलाइन किए जाने से पारदर्शिता आई है। उन्होंने सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग, चिकित्सा विभाग, उद्योग विभाग, खान विभाग व अन्य संबंधित विभागों द्वारा पीडि़तों के लम्बित प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के लिए किए गए समन्वयकारी प्रयासों को सराहा।श्रीमती शर्मा ने सभी संबंधित विभागों को सिलिकोसिस के उन्मूलन के लिए माइंस एवं निर्माण साइट्स तथा अन्य संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां इस बीमारी से  बचाव के उपाय अपनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस बीमारी के ईलाज के साथ बचाव उपायों पर होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाए और निर्माण साइट्स पर श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की जाए। इसके लिए नियमित जांच शिविर लगाए जाएं। माइंस पर सड़क, पक्के निर्माण जैसे कार्य किए जाएं ताकि महीन धूल के कण ना उड़ें। साथ ही खानों व निर्माण साइट्स के मालिकों को इस संबंध में शिक्षित व संवेदनशील बनाया जाए।  बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि प्रदेश में सिलिकोसिस पीडि़तों के प्रमाणीकरण से लेकर आर्थिक सहायता देने जैसे सभी कार्य राज सिलिकोसिस पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिलिकोसिस पीडि़त का प्रमाणीकरण होने पर 3 लाख रूपये की सहायता राशि दी जाती है। अब तक 19 हजार 417 लाभार्थियों को यह सहायता राशि दी जा चुकी है। मृत्युपंरात परिवारजनों को सहायता राशि के रूप में देय 2 लाख रूपये की राशि अब तक 5 हजार से अधिक परिवारों को दी गई है। उन्होंने बताया कि 31 हजार 319 लाभार्थियों को 1500 रूपये प्रति माह सिलिकोसिस पेंशन राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस नीति के तहत सवेंदनशील निर्णय लेते हुए सिलिकोसिस मृतक के अंतिम संस्कार के लिए 2 हजार 601 लोगों को 10 हजार रूपये की राशि दी गई है।  बैठक में निदेशालय विशेष योग्यजन के आयुक्त एवं शासन सचिव श्री गजानन्द शर्मा उपस्थित थे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी राज, श्रम विभाग के शासन सचिव श्री भानु प्रकाश एटरू सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में भाग लिया।