उदयपुर में जी-20 शेरपा सम्मेलन के अंतिम दिन विभिन्न देशों के शेरपा और अन्य डेलिगेट्स ने ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग और रणकपुर जैन मंदिर का दौरा किया। 54 प्रतिनिधियों और मेहमानों का दल बुधवार को राजसमंद में स्थित विश्व विरासत कुंभलगढ़ दुर्ग का भ्रमण करने पहुंचा।प्रतिनिधिमंडल का दल बुधवार 12 बजे कुंभलगढ़ दुर्ग पर पहुंचा, जहां पर मेवाड़ की परंपरानुसार उनका स्वागत किया गया। स्थानीय बालिकाओं ने मेहमानों का तिलक किया। इसके साथ ही स्वागत में मांगलिग ढोल के साथ बाड़मेर का प्रसिद्ध सफेद आंगी नृत्य और बारां का सेहरिया नृत्य कर मेहमानों का स्वागत किया गया।

इस दौरान दुर्ग परिसर में उदयुपर के पंतगबाज ने करीब 600 पंतगें भी आसमान में उड़ाई, जो आकर्षण का केंद्र रही।सभी जी-20 देश और 9 अतिथि देशों के विदेशी मेहमान सुबह होटल उदय विलास कुंभलगढ़ पहुंचे। वहां पहुंचने पर जनजाति सहरिया नृत्य और अन्य नृत्यों की प्रस्तुति से डेलीगेट्स का स्वागत किया गया तो विदेशी मेहमान भी खुद को थिरकने से रोक नहीं सके। विदेशी मेहमानों को इसके बाद दुर्ग स्थित शिव मंदिर में भी ले जाया गया।

जी20 प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान प्रशासनिक और पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध किए थे। वहीं आज केलवाडा कस्बे की दुकाने बंद रही और कुंभलगढ दुर्ग में आमजन और पर्यटकों के प्रवेश पर रोक दिया।सभी अतिथि यज्ञ वेदी मार्ग से निलकंड महादेव मंदिर पहुंचे। इस दौरान अतिथियों को 10 गाइडों ने दुर्ग की विस्तार से जानकारी दी गई। निलकंठ महादेव से सभी प्रतिनिधि दुर्ग में स्थित बादल महल देखने पहुंचे, जहां कई अतिथियों ने नैसर्गिक सौंदर्य के साथ सेल्फी ली और फोटो भी ली।विश्व विरासत कुंभलगढ़ दुर्ग मेवा़ड का अजेय दुर्ग भी कहलाता है। दुर्ग की दीवार विश्व की दूसरे नंबर की सबसे लंबी दीवार है।

जिसकी मजबूती ओर दुर्गम स्थान पर किले के निर्माण के कारण आज दिन तक यह किला अभेद रहा और यह यह विश्व विरासत बन चुका है। जी 20 प्रतिनिधि मंडल के दौरे के बाद यहां के पर्यटक उद्योग को ओर मजबूती मिलेगी और आने वाले समय में कुंभलगढ दुर्ग में और अधिक रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।G 20 दौरे के दौरान राजसमंद जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी सहित जिले के प्रशासन अधिकारी और पुलिस के आलाधिकारी मौजूद रहे। कुंभलगढ भ्रमण के बाद जी20 प्रतिनिधियों का दल रणकपुर के लिए रवाना हो गया।