जयपुर । राजस्थान में जयपुर कमिश्नरेट के भांकरोटा थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल ने गुरुवार 22 अगस्त को पुलिस चौकी में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को सवाई मानसिंह अस्पताल के मुर्दाघर लाए। मृतक के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया क्योंकि मृतक हेड कांस्टेबल का लिखा 6 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। इस सुसाइड नोट में पुलिस अधिकारियों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं। गुरुवार से मृतक हेड कांस्टेबल के परिजन और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि मुर्दाघर के बाहर धरने पर बैठे हैं। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने की अनुमति भी नहीं दी है।
सवाई मानसिंह अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर मृतक हेड कांस्टेबल बैरवा के परिजनों और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन जारी है। परिजनों का कहना है कि जब तक आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक शव नहीं लेंगे। सुसाइड नोट में एडिशनल डीसीपी व्यास, एसीपी शर्मा, सब इंस्पेक्टर सिंह और पत्रकार कमल का नाम लिखा है। इन चारों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप  लगाया गया है। परिजन इन चारों आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। साथ ही मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की जा रही है। कामरेड वृंदा करात जयपुर में हैं। ऐसे में जब उन्हें घटना की जानकारी मिली तो वे भी एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर पहुंचीं। लोकसभा सांसद अमराराम के साथ कम्युनिष्ट पार्टी से जुड़े कई कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी धरना स्थल पर पहुंचे हैं। पूर्व आरपीएस अनिल और अन्य सेवानिवृत अधिकारी भी इस धरने में शामिल हैं। वृंदा करात ने कहा कि एक पुलिसकर्मियों को अपने ही उच्च अधिकारियों के द्वारा प्रताड़ित किया जाना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि मृतक की ओर से लिखे सुसाइड नोट में साफ साफ लिखा है कि किन किन अधिकारियों ने उसे किस तरह से प्रताड़ित किया। आरोपी अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। 6 पेज का सुसाइड नोट मृतक हेड कांस्टेबल बैरवा की ओर से लिखा गया था। सुसाइड से पहले उसने इस सुसाइड नोट को फेसबुक पर शेयर किया। फिर थोड़ी देर बाद हटा लिया और फिर पुलिसकर्मियों के एक वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट कर दिया। सुसाइड नोट देखकर हड़कंप मच गया था। उनके साथ लगातार कॉल करते रहे लेकिन उसका कॉल रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद मोबाइल लोकेशन के आधार पर भांकरोटा थाना प्रभारी अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मुकुंदपुरा रोड स्थित पुलिस चौकी पहुंचे। वहां पर बैरवा फंदे से लटका मिला। घटना स्थल पर उनका लिखा सुसाइड नोट भी मिल गया। मृतक ने एडीसीपी व्यास, एसीपी अनिल, सब इंस्पेक्टर सिंह और एक पत्रकार कमल पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि अधिकारियों ने उसे झूठे मामले में फंसाकर सस्पेंड करा दिया। 11 महीने तक वह मानसिक रूप से परेशान रहे। बहाल होने के बाद पिछले 5 महीने से उसे वेतन भी नहीं मिला है। बैरवा का यह भी आरोप था कि जमीन के 3 प्रकरण ऐसे हैं जिसमें पुलिस अधिकारियों ने जानबूझकर गलत कार्रवाई की। जमीन के हकदार को बेदखल कर दिया और कब्जा करने वालों से रुपए लेकर उनके पक्ष में कार्रवाई की है। मृतक ने यह भी लिखा कि इन तीनों मुकदमों की जांच सीबीआई से कराई जाए तो सारे काले कारनामे सामने आ जाएंगे।