जयपुर | उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी को वंश बढ़ाने के लिए पैरोल देने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट के एक फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।राजस्थान हाईकोर्ट ने एक कैदी को संतान प्राप्ति के लिए 15 दिन की पैरोल मंजूर की है। इसी पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राजस्थान सरकार के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट के इस आदेश पर दूसरे कैदी भी इसी आधार पैरोल की मांग कर रहे हैं। पैरोल मांगने का यह वैध कारण नहीं हो सकता है।जिसके बाद सीजेआई ने कहा कि वो अगले सप्ताह इस पर सुनवाई करेंगे।भीलवाड़ा के 34 साल के नंदलाल को एडीजे कोर्ट ने छह फरवरी 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, तब से वह अजमेर की जेल में बंद था। 18 मई 2021 को उसे 20 दिन की पैरोल मिली थी।उसके बाद वह निर्धारित तिथि को लौट आया था। इसके बाद कैदी नंदलाल की पत्नी ने अजमेर कलेक्टर को अर्जी दी थी। कलेक्टर ने जब अर्जी पर कोई फैसला नहीं लिया, तब पत्नी हाईकोर्ट पहुंच गई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने 15 दिनों का पैरोल देने का आदेश दिया।