उदयपुर। बेटा नहीं होने पर एक शख्स ने अपनी बीवी और बेटी को घर से निकाल दिया। प्रताड़ित किया और मारपीट की। चोरी का आरोप लगाया। खाना पीना भी नहीं दिया और घर से निकाल दिया। घरेलू हिंसा कानून के तहत मां व बेटी ने कोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई। कोर्ट ने अब पति को आदेश दिया है कि वह मां-बेटी को पांच हजार रुपये प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता और घर में ही रहने के लिए एक कमरा, रसोई, शौचालय उपलब्ध करवाए।

उदयपुर में न्यू शांतिनगर हिरणमगरी निवासी शिखा सरूपरिया ने अधिवक्ता नीता जैन के मार्फत धारा 23 घरेलू हिंसा के तहत पति प्रशांत लोढ़ा, सास सीता देवी, ससुर शांतिलाल लोढ़ा, जेठ सचिन लोढ़ा, जेठानी अनीता लोढ़ा, काका ससुर सुशील लोढ़ा के खिलाफ न्यायालय में परिवाद पेश किया। इसमें विवाहिता ने आरोप लगाया कि उसे गर्भावस्था में परेशान किया गया। खाना पीना भी ढंग से नहीं दिया। चोरी का आरोप लगाकर घर से निकाल दिया। परिवादी ने भरण पोषण व आवास संबंधी समस्या बताई और राहत दिलाने की मांग की।