भोपाल । सस्ती बिजली की चाहत में घरों में मीटर के बंटवारे हो गए। एक घर के अंदर दो-तीन मीटर तक टंग गए। ये सब 150 यूनिट बिजली की सब्सिडी के लिए हुआ। पिछले दो साल में लाखों नए घरेलू कनेक्शन जारी किए। इसमें करीब 1 लाख से अधिक कनेक्शन ऐसे हैं जो एक ही परिसर में लगाए गए हैं। कहीं मां-बाप ने बेटे को अलग कर दिया तो कही किराएदार के नाम मीटर लगवा लिया गया। इसके लिए परिवार के बीच कागजी बंटवारा तक हो गया। 2018 में प्रदेशभर में संबल योजना लागू हुई। बाद में इस योजना को इंदिरा गृह ज्योति योजना नाम दिया और 150 यूनिट तक हर वर्ग को सब्सिडी दी। इसमें 100 यूनिट तक 100 रुपये तथा 150 यूनिट की मासिक खपत पर 545 रुपये की सब्सिडी दी गई। ऐसे में उपभोक्ता को करीब 385 रुपये का बिजली बिल देना पड़ता है। यदि 150 से एक यूनिट भी अधिक हुई तो सब्सिडी का लाभ नहीं दिया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं ने परिसर में एक से ज्यादा मीटर कनेक्शन लेना शुरू कर दिया, ताकि खपत को अलग-अलग कनेक्शन के जरिए बांटा जा सके। बीते दो साल में बिजली कंपनी ने दो लाख से ज्यादा बिजली कनेक्शन जारी किए। अधिकारियों के पास एक ही परिसर में लगाए गए कनेक्शन का कोई स्पष्ठ डेटा तो उपलब्ध नहीं है लेकिन उन्होंने भी माना कि सब्सिडी की चाह में हजारों की संख्या में उपभोक्ताओं ने परिसर में मीटर कनेक्शन लिए।

अब आसानी से नहीं कनेक्शन
सब्सिडी के खेल को देखते हुए विद्युुत वितरण कंपनियों ने भी नए कनेक्शन को लेकर सख्ती की है। एक ही परिसर में कनेक्शन जारी करने से पहले कनिष्ठ अभियंता स्तर पर इसका सर्वे किया जाता है। परिसर में निकासी एक ही है और कमरे भी जुड़े हैं तो कनेक्शन नहीं दिया जाता है। ऐसे में कई उपभोक्ताओं ने परिवार की समग्र आईडी से अपना नाम अलग करवा लिया है जिसके आधार पर नया कनेक्शन लेने पहुंचते हैं। घर का बंटवारानामा के कागज दिखाकर भी आवेदन करते हैं। अधिकारी कागजों के अलावा भी मौके पर जाकर स्थिति जांचने के बाद ही कनेक्शन दे रहे हैं।