भारत निवेश के लिए दुनिया का सबसे पसंदीदा देश है। यहां वैश्विक निवेशकों के लिए बड़े पैमाने पर अवसर हैं। इसलिए उन्हें भारत में निवेश करना चाहिए। इसके साथ ही देश के कुल निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सेवा क्षेत्र के निर्यात पर ध्यान देने की जरूरत है।विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार और कंपनियों को एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए। भारतीय उद्योग परिसंघ और डेलॉय के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दावोस में इस बार भारत की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही है। महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के बिना रिकॉर्ड 250 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल किया। गोयल ने वैश्विक कारोबारियों को भारत में निवेश का न्योता देते हुए कहा कि भारत की आबादी युवा है। यहां कौशल की कोई कमी नहीं है।पेट्रोलियम पदार्थों, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के बेहतर प्रदर्शन से देश के निर्यात 1-21 मई के बीच 21.1 फीसदी बढ़कर 23.7 अरब डॉलर पहुंच गया। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने के दूसरे सप्ताह (15-21 मई) में कुल निर्यात करीब 24 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8.03 अरब डॉलर पहुंच गया। मई के लिए निर्यात के आंकड़े सरकार जून में जारी कर सकती है।