देश के चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा।

निर्वाचन आयोग शुक्रवार को दोपहर तीन इस प्रेस वार्ता को आयोजित करेगा। जिसमें विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। इस दौरान हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है। 

माना जा रहा है, इस क्रम में झारखंड में भी विधानसभा चुनाव की तिथि की भी एलान हो सकता है। बता दें कि ऐसा हुआ तो राज्य में निर्धारित समय से पहले चुनाव संपन्न होगा।

कब कौन-से राज्य की विधानसभा का होगा कार्यकाल खत्म

वहीं, झारखंड में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल आगामी वर्ष पांच जनवरी तक है। यह‌ भी उम्मीद लगाई जा रही है कि आज सिर्फ हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव की ही घोषणा की जा सकती है।

बता दें कि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को और महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को और झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है।

पिछली बार कब हुए थे विधानसभा चुनाव

पिछली बार झारखंड में साल 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे। यह चुनाव पांच चरणों में आयोजित किए गए थे। जिसमें पहला चरण 30 नवंबर, दूसरा चरण 07 दिसंबर, तीसरा चरण 12 दिसंबर, चौथा चरण 16 दिसंबर और पांचवां चरण 20 दिसंबर को आयोजित किया गया था। 

विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा 23 दिसंबर 2019 को की गई थी। फिर जेएमएम, राजद और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनी। सीएम हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री चुने गए।

दो बार मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन

बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साल 2019 से लेकर 2024 के बीच दो बार सीएम चुने गए। 29 दिसंबर 2019 को उन्होंने जेएमएम, राजद और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के तौर पर उन्हें झारखंड का मुखिया चुना गया। 

इसके बाद ईडी ने जमीन घोटाले मामले में सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। उनके  आवास से 36 लाख रुपये से अधिक की नकदी के साथ-साथ भूमि के कथित अधिग्रहण की चल रही जांच से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए  

इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल जानें से पहल उन्होने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। फिर चंपई सोरेन को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। कोर्ट से बेल मिलने के बाद उन्होंने इस साल 2019 से लेकर 2024 के बीत दूसरी बार सीएम पद की सफथ ली। हालांकि, वे अब तक कुल तीन बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं। 

भाजपा की क्या है तैयारी?

हर चुनाव के पहले भाजपा विपक्षी पार्टी को झटका देने के लिए उस पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को अपनी तरफ लाती है। साल 2019 में आयोजित हुए झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले भी ऐसा ही हुआ था।

उस दौरान चुनाव से पहले सुखदेव भगत कांग्रेस और कुणाल षाडंगी एवं जेपी पटेल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। हालांकि तीनों नेताओं ने भाजपा फिर से छोड़ दी है।

झारखंड के सियासी जानकारों का मानें तो आसन्न विधानसभा चुनाव के लिए भी कुछ ऐसी ही तैयारी भाजपा ने की है। इसी रणनीति के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस को फिर झटका मिल सकता है।

शीर्ष रणनीतिकार इस मुहिम में लगे होने के साथ बात-बात में ऐसे कई संदेश भी दिए जा रहे हैं। उधर, भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि चुनाव पर भले ही इसका कुछ खास प्रभाव न पड़े, लेकिन प्रतिद्वंद्वी पर मनोवैज्ञानिक बढ़त के लिए यह कवायद आवश्यक है।

चंपई सोरेन पर खास नजर

अब भाजपा की खास नजर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे चंपई सोरेन पर है। इस कारण ही भाजपा के नेता उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं। वहीं, चंपई सोरेन शिबू सोरेन परिवार के विश्वस्त हैं। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद वे हेमंत सोरेन के दोबारा सीएम बनने के बाद वे कैबिनेट में मंत्री हैं।