रांची में खराब यातायात प्रबंधन से नाखुश झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को आज अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तलब किया। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने राजधानी में यातायात प्रबंधन में विफल रहने पर प्रशासन की आलोचना करते हुए अदालत में उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया कि वह 23 अगस्त को जब अपने घर से आ रहे थे, तो उन्हें मुख्यमंत्री आवास के सामने बहुत अधिक समय तक जाम में फंसा रहना पड़ा।

खराब ट्रैफिक व्यवस्था पर डीजीपी ने कोर्ट में मांगी माफी
विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) की युवा शाखा द्वारा 23 अगस्त को एक विरोध रैली आयोजित की गई थी। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने कहा,‘यह एक न्यायाधीश की सुरक्षा में गंभीर चूक प्रतीत होती है। सुरक्षा कवर केवल राजनेताओं और नेताओं के लिए है।’ पीठ के समक्ष पेश हुए DGP गुप्ता ने माफी मांगी और अदालत को आश्वासन दिया कि प्रशासन राज्य की राजधानी में सुचारू यातायात सुनिश्चित करेगा। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने कहा कि यदि एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को अपने कार्यस्थल तक पहुंचने में इतनी कठिनाई का सामना करना पड़ता है, तो नागरिकों की दुर्दशा की कल्पना की जा सकती है।

सिस्टम पूरी तरह से फेल- High Court
न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा लगता है कि व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस को पता ही नहीं था कि उनसे सड़क पर क्या करने की अपेक्षा की जाती है। झारखंड पुलिस ने 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी, पानी की बौछारें कीं और रबर की गोलियां दागीं। बीजेवाईएम के कार्यकर्ता हेमंत सोरेन सरकार और उसके द्वारा किए गए ‘अन्याय’ और चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने के खिलाफ यहां एक विरोध रैली के दौरान बैरिकेड तोड़ दिए थे।

जहां प्रदर्शन नहीं, वहां भारी फोर्स क्यों- High Court
कांके मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास के सामने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, जो मोरहाबादी मैदान के पास है, जहां प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे। न्यायाधीश ने अधिकारियों से पूछा कि कांके मार्ग पर कोई प्रदर्शन नहीं हुआ था, तो फिर इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी क्यों तैनात किये गये। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने यातायात प्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए आज हुई अदालत की कार्यवाही को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद के समक्ष रखने का आदेश दिया।