जोधपुर । राजस्थान के जोधपुर में एक बच्चे के अगवा करने की विचित्र घटना से लोग हैरान हैं। शहर के नागौरी गेट थाना इलाके में रहने वाली एक महिला के बच्चा नहीं हुआ तो उसने ऐसी घटना को अंजाम दे डाला कि उसे जेल जाना पड़ा। इस महिला ने दो युवकों के साथ मिलकर सड़क किनारे रहने वाले खानाबदोश परिवार के मासूम बच्चे का अपहरण करवा लिया। पुलिस ने मामला सामने आने के बाद घटना के 8 घंटे के भीतर ही अपहरण किये मासूम को मुक्त करा लिया है। पुलिस ने महिला समेत 2 अपहरणकर्ताओं गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उपायुक्त जोधपुर पूर्व भुवन भूषण यादव ने बताया कि झालावाड़ निवासी गिरिराज ने शहर के नागौरी गेट थाने में रिपोर्ट दी थी कि वह परिवार सहित कमठे पर मजदूरी का काम करता है। दो दिन पहले वह रात के समय शहर में घूमर होटल के सामने परिवार के साथ सो रहा था। जाग होने पर उन्हें पता चला कि उनका चार साल का बच्चा प्रदीप उनके पास नहीं है। इस पर वह पुलिस के पास पहुंचा।
गिरिराज की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तुरंत जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज खंगाले और आसपास के लोगों से पूछताछ की। इस पर पता चला कि दो युवक रात के समय मुंह पर रुमाल बांधकर और सिर पर टोपी पहनकर आये थे। वे बाइक की लाइट बंद कर कई जगह घूमकर फुटपाथ पर सो रहे लोगों के बच्चों को चेक कर रहे थे। इस पर पुलिस ने तत्परता बरतते हुये भागदौड़ कर आरोपियों की पहचान कर ली।
बाद में पुलिस ने मेघवाल बस्ती निवासी बंटी और भील बस्ती में रहने वाले आकाश को दबोच लिया। युवकों से पूछताछ में सामने आया कि उनकी परिचित कागा कागड़ी निवासी रेखा के कोई संतान नहीं थी। रेखा काफी समय से अपने पति से अलग रह रही थी। रेखा ने दोनों युवकों को छोटा बच्चा लाकर देने के लिये कहा। इसके लिये उसने युवकों को किस्तों में रुपये भी दिए। उसके बाद दोनों अपहरणकर्ताओं ने प्रदीप का अपहरण कर लिया। पुलिस ने रेखा को भी गिरफ्तार कर लिया है।