हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पवित्र वृक्ष माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का भी वास माना गया है इसलिए पीपल की पूजा करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है।

महत्व : स्कंद पुराण में पीपल के पेड़ के बारे में बताया गया है कि आखिर वह इतना महत्वपूर्ण क्यों है।

पीपल के पेड़ की जड़ में विष्णु जी, तने में केशव, शाखओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवता निवास करते हैं। पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु स्वरूप है। महात्मा इस वृक्ष की सेवा करते हैं और यह वृक्ष मनुष्यों के पापों को नष्ट करने वाला है। इसके साथ ही पीपल में पितरों और तीर्थों का निवास होता है।

पितृदोष  : पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए रोजाना पीपल की जड़ में जल अर्पित करना लाभकारी होगा। इसके साथ ही पीपल के पौधे लगाना शुभ होगा। रोजाना पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है।

शनि दोष : शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने और तेल का दीपक जलाने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से भी छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की परिक्रमा जरूर करें।

आशीर्वाद : रोजाना पीपल के पेड़ की पूजा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।क्योंकि इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है।इसके साथ ही अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।