भोपाल ।  पिछले कुछ सालों से मप्र देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यहां के धार्मिक स्थल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। यही कारण है कि मैहर और चित्रकूट प्रदेश का पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस बन गया है।मप्र टूरिज्म विभाग के अनुसार 2021 में करीब ढाई करोड़ देसी पर्यटकों ने मध्यप्रदेश की सैर की। इनमें से मैहर और चित्रकूट करीब सवा करोड़ पर्यटक पहुंचे। प्रदेश में आने वाला हर दूसरा पर्यटक मैहर और चित्रकूट पहुंचा। विदेशी पर्यटकों की संख्या में पहले से कमी आई है। विदेशी टूरिस्ट की संख्या 2020 की तुलना में 2021 में आधी यानी 41 हजार के आसपास रह गई। खास बात यह भी है कि विदेशी पर्यटकों को अब पन्ना टाइगर रिजर्व सबसे ज्यादा भा रहा है। अभी तक बांधवगढ़ सबसे ज्यादा पसंदीदा था। वादियों की रानी पचमढ़ी विदेशियों को नहीं लुभा पा रही है।
कोरोना के कारण मध्यप्रदेश में साल 2020 में पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई थी, लेकिन 2021 में काफी कुछ राहत रही। जनवरी से लेकर दिसंबर तक प्रदेश में 2 करोड़ 48 लाख 28 हजार 233 पर्यटकों ने सैर की। इनमें से करीब 20 प्रतिशत  यानी 56 लाख 70 हजार 584 तो नवंबर में ही आए। इसके बाद अगस्त में 30 लाख से ज्यादा पर्यटकों ने मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थल घूमे। 2020 में कोरोना के कारण अप्रैल और मई में कोई भी पर्यटक नहीं रहा। इस कारण साल में 2 करोड़ 13 लाख 3 हजार 777 पर्यटक घूम सके।
प्रदेश में 2020 में जहां करीब 97 हजार विदेशी टूरिस्ट आए थे, वहीं कोरोना के कारण 2021 में यह संख्या घटकर 41 हजार रह गई। इस दौरान अब तक मोस्ट फेवरेट रहे बांधवगढ़ से पर्यटकों ने दूरी बना ली। यहां पर यह संख्या 20 हजार से घटकर करीब सवा दो सौ रह गई। इसकी जगह विदेशियों ने पन्ना जाना ज्यादा पसंद किया। 2020 के 4 हजार के मुकाबले 2021 में करीब 28 हजार टूरिस्ट ने पन्ना टाइगर रिजर्व की सफारी की। चित्रकूट में विदेशी टूरिस्ट की संख्या 112 से बढ़कर 6 हजार के पार पहुंच गई। विदेशी टूरिस्ट मामले में भोपाल तीसरे नंबर पर रहा। कोरोना के कारण देसी के साथ विदेशी पर्यटकों ने भी इंदौर से दूरी बना ली। जिसके चलते साल 2020 में करीब साढ़े 3 हजार पर्यटकों के मुकाबले वहां बीते साल सिर्फ 640 पर्यटक ही पहुंचे। दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले ओरछा और खजुराहो को भी विदेशी पर्यटकों की कमी खली। अब तक यहां पर 15 हजार से 20 हजार तक पर्यटक आते रहे, लेकिन बीते साल दोनों जगहों पर 100-100 विदेशी पर्यटक नहीं पहुंचे।