भोपाल । नई शिक्षा नीति के तहत अब प्ले स्कूलों को भी मान्यता लेनी होगी। नियम इस सत्र से ही लागू है। जुलाई से सत्र शुरू भी हो चुका है, लेकिन अब तक कुछ ही प्ले स्कूलों ने ही मान्यता ली है। जबकि, करीब एक हजार से ज्यादा स्कूल बिना मान्यता के ही शहर में संचालित हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति के तहत गली-मोहल्ले में खुले प्ले स्कूलों को माध्यमिक स्कूलों की तरह नियमों का पालन करना होगा।
भवन से लेकर हर सुविधा की गाइडलाइन तय है। स्कूल के लिए महिला बाल विकास विभाग से मान्यता लेनी होगी। इतना ही नहीं, जो स्कूल नर्सरी से केजी-2 की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं, उन्हें भी तीनों कक्षाओं की मान्यता विभाग से लेनी होगी। दरअसल, शहर में अधिकांश जगहों पर घरों में प्ले स्कूल देखे जा सकते हैं। हर कोई स्कूल खोल लेता था। न तो इनकी निगरानी होती थी, न ही जिम्मेदारी तय थी। व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मान्यता का नियम लागू किया गया।
प्ले स्कूल के लिए माननी होंगी ये सारी बातें
-4 घंटे तक का रहेगा स्कूल
-25 बच्चों के बीच 35 वर्गमीटर क्षेत्रफल की क्लास
-30 वर्गमीटर का खुला मैदान
-खिलौने और शिक्षण सामग्री
-साफ भवन, हरित क्षेत्र
-स्वच्छ पेयजल की सुविधा
-20 बच्चों पर एक शिक्षक
-लड़के-लड़की की अलग टॉयलेट
-बच्चों के सोने-आराम के लिए अलग कक्ष
-प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल किट
-1:20 के अनुपात में देखभालकर्ता