भोपाल । कोरोना के बाद मंकीपॉक्स को लेकर दुनियां भर में दहशत का माहौल है। कोरोना संकट के पहले सबसे ज्यादा आतंक मचाने वाले स्वाइन फ्लू वायरस ने एमपी में दस्तक दी है। इंदौर में 83 साल और 62 साल के दो पुरूष और 58 साल की एक महिला स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मिली है। खास बात ये है कि इनमें सिर्फ एक मरीज की ही ट्रेवल हिस्ट्री है। 62 वर्षीय बुजुर्ग गुजरात से उज्जैन होते हुए इंदौर पहुंचे थे। 62 वर्षीय इस बुजुर्ग को हाई ग्रेड फीवर, खांसी और सांस फूलने की शिकायत के चलते इन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। मरीज अभी हॉस्पिटल में भर्ती है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 83 साल के बुजुर्ग की बेटी को उज्जैन की यात्रा के बाद स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखे लेकिन उसका टेस्ट नहीं हुआ इसके बाद परिवार के दो और सदस्यों में भी स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण आए लेकिन किसी का भी टेस्ट नहीं हुआ। जब बुजुर्ग की तबियत बिगड़ी और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया तब जांच में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आया। तीनों के सैंपल की जांच इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में कराई गई है। इंदौर के सीएमएचओ डॉ. बीएस सेत्या ने बताया कि तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। मरीजों के आसपास के इलाकों का सर्वे करा लिया है। अभी तक किसी अन्य मरीज में लक्षण नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें निगरानी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना संकट के पहले स्वाइन फ्लू के मरीज ज्यादा मिलते थे। लेकिन कोरोना संकट के बाद लगातार स्वाइन फ्लू के केस कम हो रहे हैं। साल 2019 में प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 720 पॉजिटिव मिले थे और 165 मरीजों की मौतें हुईं थीं। लेकिन साल 2020 में एमपी में जैसे ही कोरोना वायरस सक्रिय हुआ स्वाइन फ्लू के मामले 98 प्रतिशत कम हो गए थे। इस साल यह स्वाइन फ्लू के पहले मामले हैं।