नई दिल्ली । गोवा कांग्रेस में एक बार फिर कई विधायकों की ओर से बीजेपी में शामिल होने का नए सिरे से प्रयास शुरू हो गया है। पिछले हफ्ते बमुश्किल से कांग्रेस पार्टी ने विधायकों के बीच चल रहे विद्रोह पर पर्दा डालने की कोशिश की थी। अब एक बार फिर अटकलें लगाई जा रही है कि कांग्रेस विधायकों का एक समूह गुट बनाने और बीजेपी में शामिल होने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहा है। कई सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और माइकल लोबो, जो पिछले शनिवार तक विपक्ष के नेता थे, कांग्रेस से इस्तीफा दे सकते हैं। 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं और दलबदल विरोधी कानून के खिलाफ कार्रवाई से बचने के लिए किसी भी समूह को दो-तिहाई विधायकों को स्विच करने के लिए सहमत होने की आवश्यकता होगी, जिसका मतलब हुआ कि आठ विधायकों  को पाला बदलना होगा। सूत्रों की मानें तो बीजेपी कांग्रेस को डूबते जहाज के रूप में पेश करने के लिए उत्सुक है और उसने कांग्रेसी नेताओं से अपनी योजनाओं में तेजी लाने के लिए कहा है। कामत और लोबो दोनों ने उन ताजा अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वे भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भाजपा ने उनके दो विधायकों दिगंबर कामत और माइकल लोबो के साथ मिलकर साजिश रचने का प्रयास किया था। जरूरी संख्या तक नहीं पहुंचने के बाद यह प्रयास विफल हो गया। वहीं, कांग्रेस नेतृत्व और उसके दो नेताओं के बीच एक असहज की स्थिति बनी रही। गोवा में कामत की गिनती अनुभवी राजनेताओं में होती है। कामत पहली बार 1994 में बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे और तब से दक्षिण गोवा में मडगांव निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कामत 2005 में तत्कालीन मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के और केंद्र में यूपीए के सत्ता में आने के बाद वो कांग्रेस ज्वाइन कर लिए। इसके बाद साल 2007 में गोवा में गठबंधन वाली एक सरकार का नेतृत्व भी किया और मुख्यमंत्री बने।