नई दिल्ली । 18 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में 57 सांसद राज्यसभा में शामिल होने वाले हैं। हालांकि इनमें से पीयूष गोयल, प्रफुल्ल पटेल, जयराम रमेश जैसे कुछ नेताओं की राज्यसभा में वापसी हो रही है। इस बार का मानसून सत्र काफी अहम है, क्योंकि इसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के भी चुनाव भी होने हैं।
सत्र के पहले दिन ही राष्ट्रपति का चुनाव है, और 21 जुलाई को वोटों की गिनती होगी और इस जुलाई को नए महामहिम सेंट्रल हॉल में शपथ लेने वाले हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा। हालांकि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर किसी पार्टी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। देश में मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर इस साल भी मानसून सत्र में हंगामा होने के आसार हैं। पिछले साल इसी वक्त किसानों का मसला गरम था और मानसून सत्र में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तलवारें खिंची हुई थीं। इसके बाद लोकसभा में महज 21 फीसदी कामकाज हो पाया था और राज्यसभा में 28 फीसदी।
इस बार महंगाई, एलपीजी और तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं अग्निपथ योजना को भी विपक्ष जोर-शोर से उठाने का मन बना रहा है। इसके अलावा नूपुर शर्मा के बयान  को लेकर मचा सियासी हड़कंप सरकार के लिए संसद में भी एक बड़ी सिरदर्दी का सबब बन सकता है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, उदयपुर घटना और आतंकियों के कथित तौर पर बीजेपी कनेक्शन को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधेगी। वहीं राहुल गांधी के बयान को चैनल द्वारा गलत संदर्भ में दिखाने और सोशल मीडिया में फेक न्यूज के रैकेट का मामला भी संसद में उठाएगी। वहीं महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन और सरकारी जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल का मसला भी सदन में उठ सकता है।