जयपुर । ग्रामीण क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास के लिए यह आवश्यक है कि सतत विकास के निर्धारित लक्ष्यों से जुड़े कार्यों को आसान एवं व्यावहारिक रूप में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद की विकास योजनाओं में शामिल किया जाए। वर्ष 2023-24 के लिए 2 अक्टूबर से प्रारम्भ होने वाली इन योजनाओं को इसी के अनुरूप  तैयार किया जाए।
पंचायती राज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने पंचायती राज सभागार में हुई राज्य स्तरीय बैठक में जिला परिषदों के मुख्य आयोजना अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सतत विकास के कुल 16 लक्ष्यों को राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए व्यावहारिक बनाते हुए 9 थीम यथा गरीबी मुक्त गांव, स्वस्थ गांव, बाल मित्र गांव, जल पर्याप्तता गांव, स्वच्छ एवं हरित गांव, सेल्फ सफिशिएंट इन्फ्रास्ट्रचर गांव, सामाजिक सुरक्षित गांव, गुड गवर्नेंस गांव एवं एनजेन्डर्ड डवलपमेंट गांव में समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास योजना, ब्लॉक एवं जिला विकास योजनाओं में इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ग्रामीणों को इनसे जोडऩा और एक वातावरण का निर्माण जरूरी है। इसके लिए सतत विकास थीम के आधार पर उस क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों एवं योजनाओं को अत्यंत सरल भाषा में विलेज, ब्लॉक एवं जिला प्लान का हिस्सा बनाना चाहिए।