पंजाब के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार सुरजीत पातर का निधन हो गया है। लुधियाना स्थित घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। रात को ठीक ठाक सोए थे, सुबह उठे ही नहीं।पदमश्री साहित्यकार सुरजीत पातर ने गांव पत्तड़ कलां के स्कूल में चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की। इसके बाद दूसरे गांव खैरा माझा से हाईस्कूल तक की पढ़ाई की। जीएनडीयू से स्नातक के बाद पंजाब के नामवर कवि व साहित्यकार बने।पातर के बेटे के आस्ट्रेलिया से लौटने के बाद सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पातर के शव को डीएमसी की मोर्चरी में रखवा दिया गया है।पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पोस्ट किया- पंजाबी मातृभाषा की सेवा करके उसे विश्व मानचित्र पर चमकाने वाले हमारे प्रिय पद्मश्री सुरजीत पातर का निधन अत्यंत दुखद है। यह पंजाबी साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति भी है। इस दुःख की घड़ी में परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उस महान आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।