प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक व संस्कार भारती के संरक्षक बाबा योगेंद्र के निधन पर शुक्रवार को शोक जताया और कहा कि उनके जाने से संपूर्ण कला जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। बाबा योगेंद्र पिछले कुछ समय से अस्वस्थ्य थे तथा उनका लखनऊ स्थित एक अस्पताल में उपचार चल रहा था। उनका निधन शुक्रवार सुबह हुआ। वह 98 वर्ष के थे।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘देश सेवा में समर्पित पद्मश्री बाबा योगेंद्र जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ओम शांति!’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया, ‘‘संस्कार भारती के संस्थापक पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी ने कला के माध्यम से युवाओं में भारतीय संस्कारों को पल्लवित करने और कलासाधकों को एक मंच देने का भागीरथ कार्य किया। ऐसे कलाऋषि का जाना समस्त कला जगत के लिए बड़ी क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।’’

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर लिखा, 'संस्कार भारती' के संस्थापक, असंख्य कला साधकों के प्रेरणास्रोत, कला ऋषि, 'पद्म श्री' बाबा योगेंद्र जी का निधन अत्यंत दुःखद है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके असंख्य प्रशंसकों को यह दुःख सहने की शक्ति दें.'

पद्मश्री से सम्मानित बाबा योगेंद्र का जन्म सात जनवरी, 1924 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था। वह बचपन से ही गांव की आरएसएस शाखा में जाने लगे। इसके बाद गोरखपुर में पढ़ाई के दौरान उनका संपर्क संघ प्रचारक नानाजी देशमुख से हुआ। संघ का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह प्रचारक बन गए। वह कला के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था संस्कार भारती के कई वर्षों तक राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। संस्कार भारती आरएसएस का एक अंग या सहयोगी संस्था है। इसकी स्थापना ललित कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय चेतना लाने के उद्देश्य से की गयी थी।