झारखंड की राजधानी रांची में 29 अगस्त, 2024 दिन गुरुवार को भी ऑटो और ई-रिक्शा नहीं चलेंगे. रूट निर्धारण के विरोध में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल जारी है. दरअसल, यह हड़ताल शहर की सड़कों पर चलने के लिए रूट परमिट जारी न करने, वाहनों पर मनमानी कार्रवाई और भारी जुर्माना लगाने के विरोध में परिवहन विभाग और प्रशासन के खिलाफ है.

प्रशासन शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने, अनधिकृत स्टॉप और पार्किंग को रोकने और वाहनों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान चला रहा है. यह कदम हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद उठाया गया है. प्रशासन ने अब तक करीब 950 ई-रिक्शा को परमिट जारी किए हैं. हालांकि, सड़कों पर रोजाना करीब 7,000 ई-रिक्शा चलते हैं. इसी तरह सीएनजी और डीजल दोनों तरह के ऑटो के लिए करीब 5,000 परमिट जारी किए गए हैं, लेकिन सड़कों पर इन वाहनों की वास्तविक संख्या करीब 12,000 है.

ऑटो और ई-रिक्शा एसोसिएशन के सदस्य हड़ताल के तहत सड़कों पर उतर आए हैं. पूरे दिन प्रदर्शनकारियों ने कई क्षेत्रों में घूम-घूम कर ई-रिक्शा और ऑटो को सड़क से दूर रखा. जहां कई यात्रियों को हड़ताल के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं, कई ने ऐप-आधारित सवारी और साइकिल-रिक्शा का विकल्प चुना.

इस वजह से हो रही है हड़ताल

बता दें कि रांची में नए रूट निर्धारण को लेकर ऑटो और ई-रिक्शा चालक हड़ताल कर रहे हैं. इसकी वजह है कि प्रशासन की तरफ से नया कानून लाया गया, जिसमें रांची को 4 जोन में बांटा गया. जिसके अनुसार, यहां 113 रूट निर्धारित किए गए है. जिसके कारण ऑटो चालकों के लिए रूट बहुत छोटा हो गया है. जिसका विरोध ई-रिक्शा और ऑटो चालक कर रहे हैं. साथ ही परमिट को लेकर चालकों में काफी नाराजगी है.