बूंदी । जिले में बाढ़ और बारिश के चलते बूंदी कलेक्टर का 16 अगस्त को स्कूलों में छुट्टी का आदेश फेक निकला है। सोशल मीडिया पर 15 अगस्त की शाम से ही बूंदी कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश में कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की छुट्टी का आदेश वायरल हो रहा था। इसके बाद जिले के अधिकांश सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों ने बीती रात अपने वाट्सएप ग्रुप पर अवकाश होने की सूचना प्रसारित कर दी। जब मामला कलेक्टर कार्यलय के संज्ञान में आया तो अधिकारियों के होश उड़ गए। शुक्रवार सुबह तत्काल सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ने इस आदेश का खंडन करते हुए इसे फेक बताया।
जिस समय इस आदेश के फेक होनी की जानकारी सोशल मीडिया के जरिये लोगों तक पहुंची। उस समय तक स्कूलों का समय निकल चुका था। अब अधिकारी इस बात की जानकारी में गहनता से जुटे हैं कि यह फेक आदेश आखिर कहां से और किसने सोशल मीडिया पर वायरल किया। कलेक्टर गोदारा ने भी मामले को काफी गंभीरता से लिया। 16 अगस्त के फेंक आदेश की कॉपी पर गौर करें तो शातिर लोगों ने 13 अगस्त के अवकाश के आदेश को एडिट करते हुए केवल तारीख बदली है। फेक आदेश को देखने से प्रतीत हो रहा है कि शातिर लोगों ने 13 अगस्त के स्थान पर 16 अगस्त के अवकाश बताया। जबकि कार्यालय आदेश के वहां लगने वाली तारीख में 15 अगस्त को यह आदेश जारी होना बताया जा रहा है। बूंदी जिले में कलेक्टर कार्यालय के आदेश के साथ कथित रूप से एडिटिंग का यह पहला मामला है। मामले के संज्ञान में आने के बाद पुलिस एक्टिव हो गई है। जिला शिक्षा अधिकारी व्यास ने बताया जैसे ही इस तरह का आदेश सोशल मीडिया से उनके पास आया तो उन्होंने इसे कलेक्टर के निजी सहायक पुनीत को भेजकर अवगत करवाया। तब पता लगा कि 16 अगस्त का कोई आदेश कलेक्टर कार्यालय से जारी नहीं हुआ। डीईओ ने बताया इस फेक आदेश पर स्कूलों ने अवकाश के मैसेज किये। सुबह 6 बजे तक सभी स्कूलों को इस फेक आदेश से अवगत करवाकर स्कूलों में 16 अगस्त को सुचारू रूप से संचालन के आदेश दे दिए थे।