कोटा। मिट्टी के बिना पेड़ पौधों को उगाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कोटा के एक युवक प्रवीण सुवालका ने लकड़ी के बुरादे में पेड़ पौधे ऊगाकर एक नया कीर्तिमान बना लिया है।  बीटेक इंजीनियर प्रवीण कुमार ने लकड़ी के बुरादे को गमले में भरकर इमली, बरगद और फूलों के अन्य पौधे लगाए। यह प्रयोग सफल रहा। बड़ी तेजी के साथ पौधों ने आकर लेना शुरू कर दिया।  प्रवीण का कहना है मिट्टी से 7 गुना कम वजन,बुरादे के गमले का होता है। इन गमलों को एक जगह से दूसरी जगह पर आसानी से ले जाया जा सकता है। पानी भी कम लगता है। छत में भी बड़ी संख्या में गमले में या ड्रम में पौधे लगाए जा सकते हैं। छत पर वजन भी कम होता है, छत में हरियाली भी बनी रहती है।  प्रवीण ने जिस पात्र में पौधा लगाया। उसमें बहुत बारीक छेद कर दिए थे। ताकि अतिरिक्त पानी गमले से निकल जाए। चार-पांच माह में गमले में एक मुट्ठी वर्मी कंपोस्ड डालने से पौधों की ग्रोथ बहुत अच्छी होती है। वन औषधि विशेषज्ञ डॉक्टर पृथ्वीपाल सिंह का कहना है।लकड़ी के बुरादे में 50 फीसदी कार्बन, 42 फ़ीसदी ऑक्सीजन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं। जिसके कारण पेड़ पौधे बड़ी तेजी के साथ पनपते हैं।