भोपाल । प्रदेश में पड रही जोरदार गर्मी के कारण शहर के अस्पतालों में उल्टी-दस्त के मरीज बढ रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की यह संख्या आम दिनों के मुकाबले तीन से चार गुना तक ज्यादा है। यहां ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त, बुखार और पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। यह तो वे मरीज हैं, जो अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। कई मरीज ऐसे होते हैं जो अस्पताल नहीं जाते और खुद ही मेडिकल स्‍टोर से एंटीबायोटिक दवाएं खरीदकर खाते हैं। इसका बड़ा नुकसान यह हो रहा है कि उनके उल्‍टी-दस्त तो बंद हो जाते है, लेकिन पेट का संक्रमण ठीक नहीं होता और यह तकलीफ हफ्ते भर चलती है। बाद में डाक्टर के पास जाना पड़ता है।  इस संबंध में गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के सह प्राध्यापक डा. आरआर वर्डे का कहना है कि अगर हर दिन 3 से 4 लीटर पानी पिएं और बाहर खाली पेट नहीं निकलें तो लू और डिहाइड्रेशन की दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मरोड़ के साथ पेट दर्द, दस्त और उल्टी भी हो रही हो तो डाक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने पर कई अहम अंगों को नुकसान भी हो सकता है। वहीं एलएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर आदर्श वाजपेयी का कहना है कि हर दिन एक या दो मरीज इस तरह के आ रहे हैं, जो पहले तो खुद दवाएं खरीद कर खाते हैं, लेकिन एंटीबायोटिक का पूरा डोज नहीं लेने की वजह से उनका पेट का संक्रमण ठीक नहीं होता है। बाद में ज्यादा पावर की एंटीबायोटिक देनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि पानी की कमी से होने वाला दस्त पानी की आपूर्ति करने और कुछ साधारण दवाएं लेने से ही ठीक हो जाता है। इसके लिए एंटीबायोटिक दवाई लेने की जरूरत नहीं पड़ती।