जोधपुर में पानी का संकट गहरा गया है। नहरबंदी के कारण पानी की सप्लाई बाधित थी। हालात ऐसे हो गए हैं कि जोधपुर प्रशासन ने पानी की सप्लाई का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है और सभी फिल्टर हाउस पर पुलिस का पहरा बिठा दिया है। 60 दिन की नहरबंदी कारण जोधपुर में पानी का संकटा पैदा हो गया है। प्रस्तावित 60 दिनों की इंदिरा गांधी नहरबंदी 21 मई तक पूरी होनी थी पर पंजाब में इंदिरा गांधी मुख्य कैनाल पर सरहिंद फीडर टूट गया है। ऐसे में फीडर की मरम्मत के बाद जोधपुर को दस दिन बाद पानी मिलेगा। नहरबंदी के कारण जोधपुर के प्राकृतिक जलाश्य कायलाना और तख्तसागर तक पानी पहुंचाने वाली स्थानीय हाथी नहर भी सूख गई है। अब इन जलाश्य में मौजूद पानी से ही शहरवासियों को काम चलाना है।

जिला प्रशासन के निर्देश के बाद कायलाना और तख्तसागर झील पर पुलिस मुस्तैद है। फिल्टर प्लांटों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इसके साथ ही प्रशासन ने पानी की बर्बादी करने वाले पर जुर्माना लगाने की ठानी है। इसके लिए अधिशासी अभियंता, मॉनिटरिंग जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जोधपुर अनिल पुरोहित को नियुक्त किया गया है। कायलाना और तख्तसागर से प्रतिदिन 15 एमसीएफटी पानी की आपूर्ति होती है। यहां अभी 125 एफसीएफटी पानी है, जिससे दस दिन आपूर्ति हो सकती है। फिलहाल प्रशासन ने इस पानी से दस दिन में चार बार पानी की आपूर्ति देने का प्लान बनाया है।