जयपुर । पशुधन भवन के सभागार में आयोजित बैठक में राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के.सी. विश्नोई ने कहा कि जीव जन्तुओं का कल्याण सर्वोपरि है। उन्होंने विलुप्त हो रही गिद्व (वल्चर) प्रजाति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऊंटों की उपयोगिता में निरन्तर गिरावट के कारण वर्ष 2019 में इनकी संख्या घटकर मात्र 2.12 लाख रह गयी। उन्होंने कहा कि संरक्षण एवं संवद्र्वन के अभाव में एक दिन प्रदेश का रेगिस्तान जहाज भी विलुप्त हो जायेगा।
विश्नोई ने बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के मनोनीत अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिये कि आगामी बैठकों में नामित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जावें। उन्होनें चुरू जिले के ताल छापर अभयारण्य हेतु उपलब्ध भूमि को स्थानीय प्रशासन द्वारा संकुचित किये जाने को गंभीरता से लेते हुए यथास्थिति बनाये रखने के लिए जिला कलक्टर चुरू को पत्र लिखने के निर्देश दिए। उन्होंने ताल छापर में नमक के कुओं को बंद कर समतल किये जाने के निर्देश भी दिये। पशुपालन विभाग के शासन सचिव पी.सी.किषन ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण से सम्बन्धित अधिनियमों/नियमों की जानकारी आमजन को उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से व्यापक प्रचार प्रसार करावें।उन्होने जीव जन्तु कल्याण बोर्ड से सम्बन्धित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन्हें सूचीबद्व करते हुए पंजिका का संधारण सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि रेस्क्यु सेन्टर में पशु-पक्षियों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था के लिये पशु चिकित्सकों एवं पशुधन सहायकों को शीघ्र्र ही पदस्थापित किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।