बैंकॉक । म्यांमार में चार राजनीतिक कैदियों को फांसी देने का विरोध और तेज हो गया। इतनी ही नहीं दुनिया भर की सरकारों ने इसकी कड़ी निंदा की। म्यांमा में सेना की अगुवाई वाली सरकार ने राजनीतिक कैदियों को फांसी देने की जानकारी दी थी। देश में दशकों के बाद पहली आधिकारिक तौर पर फांसी दी गई है। सेना ने 2021 में चुनी हुई नेता आंग सान सू ची की सरकार का फरवरी 2021 में तख्तापलट कर दिया था और तब से उस पर हजारों लोगों की गैर-न्यायेतर हत्याएं करने का आरोप लगा है। म्यांमा पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत नोइलीन हेजर के साथ मलेशिया के विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने कहा, हम मानते हैं कि यह इंसानियत के खिलाफ अपराध है।
उन्होंने कहा कि दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के विदेश मंत्रियों की आगामी बैठक में म्यांमा में राजनीतिक कैदियों को फांसी देने के मुद्दे पर चर्चा होगी। यह बैठक कंबोडिया में अगले एक हफ्ते में होनी है। म्यांमा भी प्रभावशाली आसियान समूह का हिस्सा है। समूह पिछले साल म्यांमा को लेकर पांच सूत्री योजना पर सहमत हुआ था और इस लागू करने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत, मानवीय सहायता का प्रावधान, हिंसा को तुरंत रोकना और विशेष दूत का सभी पक्षों से मिलना शामिल है। अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसा लगता है कि म्यांमा के जुंता शासक पांच सूत्री प्रक्रिया का मजाक उड़ा रहे हैं।
बैंकॉक में लोकतंत्र समर्थक हजारों प्रदर्शनकारियों ने म्यांमा के दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने भारी बारिश के बावजूद नारेबाजी कर झंडे लहराए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि तानाशाह अपनी ताकत का मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। म्यांमा सरकार ने घोषणा की थी कि उसने ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ (एनएलडी) के पूर्व सांसद, लोकतंत्र समर्थक एक कार्यकर्ता और दो अन्य लोगों को पिछले साल सत्ता पर सेना के कब्जे के बाद हुई हिंसा के मामले में फांसी दे दी है। इनमें 41 वर्षीय फ्यो जेया थॉ शामिल हैं, जो सू ची की पार्टी के पूर्व सांसद हैं।
न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री ने कहा, म्यांमा के सैन्य शासन ने बर्बर कृत किया है। न्यूजीलैंड कठोर शब्दों में इसकी निंदा करता है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेन्नी वॉन्ग ने कहा, ‘वह राजनीतिक कैदियों को फांसी दिए जाने से ‘हैरान’ हैं। ऑस्ट्रेलिया सभी परिस्थितियों में किसी भी व्यक्ति के लिए मौत की सजा का विरोध करता है। इससे पहले, यूरोपीय संघ, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, नॉर्वे और दक्षिण कोरिया भी एक संयुक्त बयान में म्यांमा में राजनीतिक कैदियों को फांसी देने की निंदा कर चुके हैं।