यशवंत सिन्हा झारखंड के सांसद रह चुके हैं। वहीं दूसरी ओर एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं और झामुमो आदिवासी के नाम पर ही राजनीति करती है। ऐसे में झामुमो के लिए असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई है। जैसे-जैसे राष्ट्रपति चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है। वैसे-वैसे इसको लेकर दिलचस्पी भी बढ़ती जा रही है। विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा के बाद एनडीए ने आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को मैदान में खड़ा किया है। इस दांव से सबसे बड़ी असमंजस की स्थिति झारखंड मुक्ति मोर्चा के सामने खड़ी को गई है। इसको लेकर कल झामुमो ने पार्टी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है। पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इसी बैठक में तय होगा कि झामुमो किसके पक्ष में अपना समर्थन देगा।