मध्यप्रदेश के बालाघाट में रविवार को नक्सल मोर्चे पर बड़ा बदलाव देखने को मिला। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में भोरमदेव एरिया कमेटी के 10 नक्सलियों ने पुलिस लाइन स्थित शौर्य मंच पर आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 4 महिला नक्सली भी शामिल हैं। सभी पर कुल 2.36 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। नक्सलियों ने दो AK-47, इंसास रायफल सहित कई हथियार जमा कर दिए।
सबसे बड़ा नाम—सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोडी
सरेंडर करने वालों में सबसे कुख्यात नाम सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोडी का है, जो भोरमदेव एरिया कमेटी का एमएमसी सचिव रहा है। वह कई बड़ी नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड माना जाता था। कबीर ने आत्मसमर्पण के दौरान AK-47 भी जमा की।
महिला दस्ते की प्रभावशाली सदस्य सलीता उर्फ सावित्री अलावा ने भी हथियार डाल दिए। दोनों पर 62-62 लाख रुपए का इनाम था।
अन्य महिला नक्सलियों शिल्पा और जयशीला पर 14-14 लाख का इनाम था।
कोरची–गढ़चिरौली–सुकमा नेटवर्क पर लगा बड़ा झटका
सरेंडर करने वालों में शामिल राकेश ओडी उर्फ मनीष कोरची-बोटेकसा-गढ़चिरौली क्षेत्र में सक्रिय था।
विक्रम और लालसिंह मरावी उर्फ सींगा सुकमा और दंतेवाड़ा के जंगल क्षेत्र में काम करते थे।
इन नक्सलियों का आत्मसमर्पण मध्यभारत के सबसे संवेदनशील LWE कॉरिडोर को कमजोर करने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है।
देश के सबसे हिंसक नक्सली इलाकों से था कनेक्शन
सरेंडर करने वाले 10 नक्सली छत्तीसगढ़ के अत्यंत हिंसक नक्सल-प्रभावित क्षेत्रों—सुकमा, बीजापुर, बासागुड़ा, कटेकल्याण, जगरगुंडा और गढ़चिरौली से जुड़े रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023-24 में देश की 90% नक्सली हिंसा इन्हीं इलाकों के आसपास केंद्रित थी।
मध्यप्रदेश में नक्सल मोर्चे पर सफलता
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मई 2014 से सितंबर 2025 तक 150 से अधिक नक्सली एनकाउंटर में मारे गए
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केवल 2025 में बालाघाट जोन में 10 हार्डकोर नक्सली ढेर
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अब तक 200 से ज्यादा नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं
सरेंडर करने वालों की उम्र 26 से 50 वर्ष के बीच रही।
सीएम मोहन यादव बोले—“अब बंदूक नहीं, संविधान जीवन बदलेगा”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा—
“एंटी-नक्सल अभियान निर्णायक चरण में है। अब बंदूक नहीं, संविधान लोगों की जिंदगी बदलेगा। सरकार पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।”
2026 तक नक्सलवाद मुक्त एमपी का दावा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि मार्च 2026 से पहले ही मध्यप्रदेश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।