भोपाल के बड़े तालाब में आज से कश्मीर की डल झील जैसा दृश्य देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यहां एक साथ 20 शिकारों को हरी झंडी दिखाकर लॉन्च किया और खुद शिकारे में बैठकर झील की सैर का आनंद लिया। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी भी मौजूद रहे।
अब आम नागरिक भी इन आकर्षक शिकारों की सवारी कर सकेंगे।
सैर के दौरान चाय-नाश्ता और खरीदारी
शिकारा सैर के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने शिकारा-बोट रेस्टोरेंट से चाय, पोहा, समोसे और फलों का नाश्ता किया। इसके अलावा फ्लोटिंग बोट मार्केट से एक साड़ी और जैकेट भी खरीदी।
कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
कांग्रेस की ओर से केवल नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ही शामिल हुए। उन्होंने कहा कि “अच्छा काम हो रहा है, तो हम उसकी सराहना करना जानते हैं।”
कश्मीर की तर्ज पर तैयार शिकारे
सीएम ने बताया कि ये शिकारे कश्मीर की डल झील की तर्ज पर बनाए गए हैं।
इनका संचालन मध्यप्रदेश पर्यटन निगम करेगा। इससे राज्य में वॉटर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय उत्पादों को नई पहचान मिलेगी।
किराया और समय
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4 लोगों की क्षमता
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400 रुपये प्रति 30 मिनट
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सुबह 9 बजे से सूर्यास्त तक सेवा
सैर के दौरान नाविक बड़े तालाब और भोपाल की विरासत से जुड़ी जानकारी भी साझा करेंगे।
प्रदूषण रहित आधुनिक तकनीक से निर्माण
सभी 20 शिकारे फाइबर रीइन्फोर्स्ड पॉलीयूरिथेन (FRP) और उच्च गुणवत्ता वाली नॉन-रिएक्टिव सामग्री से बनाए गए हैं। ये पानी की रासायनिक गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करते और पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं।
इन शिकारों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था द्वारा किया गया है, जिसने केरल, बंगाल और असम में भी शिकारे बनाए हैं।
फ्लोटिंग मार्केट और बर्ड वॉचिंग का आकर्षण
शिकारों पर सवार होकर यात्री स्थानीय हैंडीक्राफ्ट, फल, ऑर्गेनिक सब्जियां और स्नैक्स खरीद सकेंगे।
साथ ही दूरबीन की मदद से बड़े तालाब की बर्ड वॉचिंग का मज़ा भी उठाया जा सकेगा।
राज्य पर्यटन निगम का लक्ष्य भोपाल को एक वाटर-टूरिज्म हब के रूप में विकसित करना है।
NGT के आदेश के बाद शुरु की गई पहल
13 जून 2024 को नगर निगम ने एक शिकारा प्रायोगिक रूप से चलाया था। अब एक साथ 20 शिकारे तालाब में उतर गए हैं।
दरअसल, NGT ने 12 सितंबर 2023 को क्रूज और मोटर बोट पर रोक लगा दी थी।
डीजल इंजन के उत्सर्जन से पानी में सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड बनने का खतरा था, जो जलीय जीवन और इंसानों के लिए हानिकारक है।
इस आदेश के बाद राज्य में केवल बिना मोटर वाली शिकारा सेवा की अनुमति है।