इंदौर के सराफा बाजार में एक बड़ा सोना घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे ज्वेलरी कारोबार को हिलाकर रख दिया है। करीब एक करोड़ रुपये मूल्य का 900 ग्राम सोना लेकर बंगाल के सात कारीगर अचानक शहर से फरार हो गए। घटना के बाद सराफा व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है और पुलिस आरोपी कारीगरों की तलाश में जुट गई है।
कमेटी फंड के नाम पर रचा गया बड़ा खेल
ओम विहार कॉलोनी के निवासी और ‘गणेश ज्वेलर्स’ के मालिक गणेश नीति ने पुलिस को बताया कि उनकी दुकान पर वर्षों से बंगाल के कई कारीगर काम कर रहे थे—संतु मांझी, माणिक सामाता, कार्तिक, अनिल, सुदीप मोडोला, तपोस, पोलास और विश्वास।
इन्हीं कारीगरों ने मिलकर सोने की बीसी (कमेटी) फंड स्कीम चलाई, जिसमें हर महीने सोना इकट्ठा कर आभूषण बनाने के नाम पर दिया जाता था। 12 महीने की इस कमेटी में करीब 900 ग्राम सोना जमा हो गया। लेकिन इसी सोने की बड़ी रकम देखते ही सभी कारीगर अचानक गायब हो गए—न फोन, न किसी प्रकार का सुराग।
व्यापारियों का कहना है कि यह कोई साधारण चोरी नहीं, बल्कि पूरी तरह सुनियोजित ‘सोना-फरारी’ ऑपरेशन है।
सराफा बाजार में चिंता—क्या यह बड़ा नेटवर्क?
शहर के सराफा व्यापारियों में चर्चा है कि इतने बड़े स्तर की सोना-फरारी किसी लोकल नेटवर्क की मदद के बिना संभव नहीं।
शिकायत पुलिस आयुक्त तक पहुंच चुकी है और अब पुलिस आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करने व संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
इंदौर बना ‘सोना क्लीनर’ गैंग का टारगेट
पिछले 7 महीनों में 2.5 करोड़ रुपये से अधिक का सोना लेकर कई कारीगर फरार हो चुके हैं।
50 से ज्यादा व्यापारी शिकार बने और पिछले चार वर्षों में ऐसी 200 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं, लेकिन एफआईआर केवल 20 मामलों में ही दर्ज की गईं।
हाल के चर्चित मामले
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केस 1: कारीगर लियाकत 30 लाख का सोना लेकर 15 दिन में ही लापता।
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केस 2: 500 ग्राम सोना लेकर अरशद का फोन ‘स्विच ऑफ’, कोई पता नहीं।
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केस 3: 340 ग्राम सोना और 25 लाख लेकर कारीगर सुकर अली शेख 20 दिन बाद गायब।
15 हजार कारीगर, 500 से अधिक संदिग्ध
शहर में करीब 15,000 बंगाली कारीगर काम करते हैं, जिनमें से 2–5% यानी 500 से ज्यादा कारीगर संदिग्ध गतिविधियों में पकड़े जा चुके हैं।
सराफा संगठनों का दावा है कि सभी कारीगरों का पूरा डेटा ऑनलाइन दर्ज है, लेकिन फर्जी दस्तावेजों के जरिए मुर्शिदाबाद, मालदा और 24 परगना जैसे इलाकों से संदिग्ध लोगों के इंदौर पहुंचने की आशंका से पुलिस भी चिंतित है।
व्यापारियों का सवाल — भरोसे का सोना कब लौटेगा?
लगातार बढ़ रही सोना-फरारी की घटनाओं ने शहर के सराफा व्यापारियों का भरोसा हिला दिया है।
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन कारीगरों का कोई ठोस सुराग अब तक नहीं मिल पाया है।