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उत्तर प्रदेश

राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह: इकबाल अंसारी और डॉ. मृदुल शुक्ल चर्चा में, समझिए क्यों भेजे गए हैं ये खास न्योते

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अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण समारोह ऐतिहासिक बनने जा रहा है। पिछले वर्ष 22 जनवरी को गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब मंदिर ध्वजारोहण के साथ पूर्णता की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित विभिन्न क्षेत्रों के लगभग आठ हजार विशिष्ट अतिथि इस कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे।

लेकिन इन सबके बीच सबसे अधिक चर्चा दो व्यक्तियों—बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी और इस्लामीकरण विरोधी सेना के पूर्व कमांडर डॉ. मृदुल शुक्ल—को भेजे गए न्योते की है।


कौन हैं इकबाल अंसारी?

इकबाल अंसारी वर्षों तक बाबरी मस्जिद विवाद के प्रमुख पक्षकार रहे। वह लगातार अदालत में तारीख पर जाते रहे और मस्जिद पक्ष की पैरवी करते रहे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने विवाद के शांतिपूर्ण समापन का स्वागत किया था।

उन्हें राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भी आमंत्रित किया गया था। ध्वजारोहण का न्योता मिलने पर उन्होंने फिर खुशी जताते हुए कहा कि अयोध्या की धरती पर वे प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में फूल बरसायेंगे। उन्होंने इस अवसर को अयोध्या का सौभाग्य बताया।


कौन हैं डॉ. मृदुल शुक्ल?

लखनऊ स्थित एनबीआरआई में वैज्ञानिक डॉ. मृदुल फिलहाल कल्ली ग्राम के 10 किमी लंबे ग्रीन बेल्ट प्रोजेक्ट से जुड़े हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम भी चलाते हैं।
वे विज्ञान भारती के अवध प्रांत के सचिव और विभा वाणी के प्रदेश चीफ कोऑर्डिनेटर रह चुके हैं।

तीन दशक पहले डॉ. मृदुल अयोध्या में गठित इस्लामीकरण विरोधी सेना के कमांडर भी थे।
यह संगठन 1994 में उस समय बना, जब अयोध्या में कथित “मक्का खुर्द” निर्माण की चर्चा चल रही थी।
1997 तक यह संगठन सक्रिय रहा और अयोध्या की गलियों में विरोध व शक्ति प्रदर्शन यात्राएं निकालता था।
तत्कालीन छात्र नेता मृदुल शुक्ल को इसका कमांडर बनाया गया था।


समारोह की तैयारी: संघ की विशेष निगरानी

राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम की तैयारियों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी कड़ी नजर रखे हुए है।
कई प्रांत और क्षेत्रीय प्रचारक अयोध्या पहुंच चुके हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को अयोध्या आएंगे और कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
वह गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे और साधु-संतों सहित प्रबुद्धजनों से भी मुलाकात करेंगे।


अतिथियों के लिए भव्य व्यवस्था

लगभग आठ हजार आमंत्रित अतिथियों के लिए मंदिर परिसर में बड़े पैमाने पर सीटिंग प्लान तैयार किया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि परिसर को 19 ब्लॉकों में बांटा गया है और अलग-अलग श्रेणियों के अतिथियों के लिए रंग-कोडेड पंडाल बनाए गए हैं, जिनके रंग पाँच-पाँच जिलों के आधार पर तय हैं।

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