उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काठगोदाम में आयोजित पूर्व अर्द्धसैनिक बल सम्मेलन में राज्य की सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सुनियोजित तरीके से डेमोग्राफी बदलने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाए हैं।
सीएम धामी ने दावा किया कि सरकार ने हरी, नीली और पीली चादर ओढ़कर बनाई गई करीब 550 अवैध मजारों को हटाया है। उन्होंने कहा कि “जेहाद पसंद लोग पहाड़ों में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम इसे किसी भी सूरत में सफल नहीं होने देंगे।”
अवैध बसावट और लैंड जिहाद पर सख्ती
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बाहरी राज्यों के कई लोगों को उत्तराखंड के स्थायी निवासी प्रमाण पत्र अवैध रूप से जारी किए गए थे। सरकार ने इस पर तुरंत कार्रवाई की और पूरे प्रदेश में प्रमाण पत्र जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में अवैध रूप से बसे घुसपैठियों से 10 हजार हेक्टेयर भूमि मुक्त कराई जा चुकी है।
हल्द्वानी के वनभूलपुरा अतिक्रमण मामले पर उन्होंने कहा कि जो भी फैसला आएगा, सरकार पूरी तरह तैयार है।
पूर्व में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि “दंगाइयों से पाई-पाई की वसूली की गई है।”
समान नागरिक संहिता और कड़े कानूनों से सुदृढ़ हुई सुरक्षा
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में
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समान नागरिक संहिता,
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सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून,
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दंगा-रोधी कानून,
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भू-कानून
जैसे प्रावधान लागू कर सामाजिक समरसता और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया गया है।
550 से अधिक अवैध संरचनाएं ध्वस्त
मुख्यमंत्री के अनुसार, 550 से अधिक अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाया गया है, जिनमें कई उन जगहों पर बनाई गई थीं, जहां सरकारी जमीनें खाली थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कब्जा करने की सुनियोजित साजिश थी।
अर्धसैनिक बलों और राज्य सरकार की भूमिका पर सराहना
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जिस प्रकार सीआरपीएफ ने देश में नक्सलवाद को लगभग समाप्त कर दिया, उसी तरह मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड में भ्रष्टाचार खत्म करने का काम कर रहे हैं।
जोशी ने कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदनशील है और अब तक 28 शहीद परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।