बारिश के बाद राम मंदिर के टपकने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। यह मामला अयोध्या ही नहीं पूरे देश में चर्चाओं में है। चर्चा इस बात की है कि करोड़ों रुपयों की लागत से बना मंदिर पहली बरसात नहीं झेल पाया। इस बार पर ट्रस्ट की तरफ से सफाई जारी की गई है। बारिश के दौरान राममंदिर की छत टपकने के मामले में अब राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कुछ तथ्य जारी किए हैं। चंपत राय का कहना है कि गर्भगृह जहाँ भगवान रामलला विराजमान हैं, वहाँ एक भी बूंद पानी छत से नही टपका है और न ही कहीं से पानी गर्भगृह में प्रवेश हुआ है। मंदिर और परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का सुनियोजित तरीक़े से उत्तम प्रबंध किया गया है। जिसका कार्य भी प्रगति पर है। मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद मंदिर एवं परकोटा परिसर में कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं होगी। श्री रामजन्म भूमि परिसर मे बरसात के पानी को अंदर ही पूर्ण रूप से रखने के लिए रिचार्ज पिटो का भी निर्माण कराया जा रहा है। रामनगरी में बुधवार भोर में सुबह तीन घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के चलते एक बार फिर रामपथ धंस गया। इसके बाद रिकाबगंज मार्ग पर बैरियर लगाकर एक लेन पर आवागमन बंद कर मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया। इसके पहले शनिवार को रात भर हुई बारिश में रिकाबगंज के आसपास कई जगहों पर रामपथ धंस गया था। यहां गिट्टी और बालू डालकर मरम्मत कराई गई थी। एक बार फिर बारिश होने पर यहीं पर सड़क धंस गई है। आनन-फानन में जेसीबी से रोड की पटाई कराई जा रही है।