बांग्लादेश में जारी राजनीतिक और सामाजिक तनाव के बीच कट्टरपंथी हिंसा का एक गंभीर मामला सामने आया है। मैमनसिंह जिले में कथित ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो एक गारमेंट फैक्ट्री में मजदूर के तौर पर काम करता था।
BBC बांग्ला की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना गुरुवार रात भालुका उपज़िला के दुबालिया पारा इलाके में हुई, जहां दीपू चंद्र दास किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोगों के एक समूह ने उस पर पैगंबर मुहम्मद के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया, जिसके बाद रात करीब 9 बजे उस पर हमला कर दिया गया। हमले में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल बताया जा रहा है, हालांकि उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है, जब बांग्लादेश में पहले से ही हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख नेताओं में शामिल शरीफ उस्मान हादी की मौत की पुष्टि के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। गुरुवार रात जैसे ही मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने हादी की मौत की जानकारी दी, विभिन्न शहरों में तोड़फोड़ और हमलों की खबरें सामने आईं।
प्रदर्शनकारियों ने मीडिया संस्थानों के दफ्तरों को निशाना बनाया और ढाका में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास ‘32 धानमंडी’ में भी तोड़फोड़ की गई। चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर देर रात पथराव की घटना भी हुई, हालांकि किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने कई इलाकों में आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। अब तक 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, पिछले साल के हिंसक आंदोलनों का नेतृत्व करने वाले संगठन ‘स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ से जुड़े राजनीतिक दल नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में निकाले गए मातमी जुलूस में हिस्सा लिया।
प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल देश के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।