प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध रूप से भारतीयों को ‘डंकी’ रूट के जरिए अमेरिका भेजने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के एक ट्रैवल एजेंट के ठिकानों से भारी मात्रा में नकदी और कीमती धातुएं जब्त की हैं। एजेंसी ने तलाशी के दौरान 4.62 करोड़ रुपये नकद, 313 किलोग्राम चांदी और 6 किलोग्राम सोने की सिल्लियां बरामद की हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत करीब 19.13 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली, जालंधर और पानीपत में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान दिल्ली स्थित ट्रैवल एजेंट के परिसर से बड़ी मात्रा में नकदी और कीमती धातुएं मिलीं। जांचकर्ताओं ने तलाशी के दौरान मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं, जिनसे कुछ आपत्तिजनक चैट और डिजिटल साक्ष्य मिलने की बात कही जा रही है।
ईडी ने बताया कि हरियाणा के एक प्रमुख एजेंट के ठिकानों से भी ‘डंकी’ कारोबार से जुड़े महत्वपूर्ण रिकॉर्ड और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आरोप है कि ये एजेंट अमेरिका जाने के इच्छुक लोगों से मोटी रकम वसूलते थे और भुगतान की गारंटी के तौर पर उनके संपत्ति संबंधी दस्तावेज अपने पास जमानत के रूप में रख लेते थे।
‘डंकी’ शब्द उस अवैध और जोखिम भरे रास्ते को दर्शाता है, जिसके जरिए प्रवासी लोग कई देशों से होते हुए कठिन और खतरनाक यात्रा कर अवैध रूप से दूसरे देश में प्रवेश करते हैं। ईडी के मुताबिक, एजेंटों ने लोगों को कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का झांसा देकर ठगा, लेकिन बाद में उन्हें दक्षिण अमेरिकी देशों के रास्ते मैक्सिको सीमा के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल कराया गया।
इस मामले की जांच की शुरुआत फरवरी 2025 में उस समय हुई, जब अमेरिकी सरकार ने सैन्य मालवाहक विमानों के जरिए 330 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा था। ये सभी लोग अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे। इसके बाद पंजाब और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
ईडी के अनुसार, यात्रा के दौरान कई लोगों के साथ प्रताड़ना की गई, उनसे अतिरिक्त धन की उगाही हुई और अवैध गतिविधियों में भी शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। एजेंसी का कहना है कि इस रैकेट से जुड़े एजेंटों और उनके सहयोगियों ने भोले-भाले लोगों को धोखा देकर अपराध की आय अर्जित की। अमेरिका ने इस वर्ष अब तक 1500 से अधिक भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है, जिनमें बड़ी संख्या ऐसे ही अवैध तरीकों से वहां पहुंचे लोगों की है।
ईडी ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है और जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा।