आगरा/दिल्ली — दिल्ली में हुए धमाके के बाद देशभर की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट्स ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। गुरुवार को आगरा के संवेदनशील मंटोला क्षेत्र में रह रहे एक दर्जन से अधिक कश्मीरी युवकों को पुलिस ने थाने बुलाकर सत्यापन किया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
मंटोला क्षेत्र में अचानक सत्यापन अभियान
मंटोला जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई से लोग पहले हैरान हुए। अचानक कश्मीरी युवकों को थाने लाए जाते देख स्थानीय लोग मामले को लेकर अटकलें लगाने लगे। बाद में स्थिति साफ होने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
डीसीपी सिटी सैयद अली अब्बास ने बताया कि यह सत्यापन एलआईयू (Local Intelligence Unit) के इनपुट के आधार पर किया गया। सूचना मिली थी कि कुछ कश्मीरी युवक इस क्षेत्र में रह रहे हैं, जिनकी जानकारी स्थानीय पुलिस के पास उपलब्ध नहीं थी।
सभी युवकों के दस्तावेज लेकर उन्हें कश्मीर भेजा जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी के खिलाफ कोई मुकदमा या संदिग्ध गतिविधि दर्ज तो नहीं है।
युवकों ने बताया कि वे सर्दियों में गर्म कपड़े बेचने के लिए हर साल आगरा आते हैं और किराए के मकानों में रहते हैं। प्रारंभिक जांच में कोई भी युवक संदिग्ध नहीं पाया गया है। इसके बावजूद कार्रवाई से क्षेत्र में कश्मीरियों को लेकर चर्चा का माहौल बना रहा।
डॉ. परवेज के आगरा कनेक्शन की जांच तेज
इसी दौरान लखनऊ में पकड़े गए डॉ. परवेज के आगरा से जुड़े संभावित कनेक्शनों की जांच भी सुरक्षा एजेंसियों ने तेज कर दी है। परवेज ने एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा से वर्ष 2012 में एमडी में प्रवेश लिया था और 2015 में पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे छह माह तक सीनियर रेजिडेंट भी रहे।
एटीएस और एसटीएफ आगरा की टीम ने कॉलेज पहुंचकर पूछताछ की।
जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि:
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एमडी की पढ़ाई के दौरान डॉ. परवेज किन लोगों के संपर्क में थे?
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उनके करीबी दोस्त कौन थे?
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उनसे मिलने के लिए कौन-कौन आता था?
एसटीएफ ने कॉलेज हॉस्टल और मेडिसिन विभाग में जाकर भी जांच की है और स्टाफ के बयान दर्ज कर रही है।